Janmashtami 2019: गृहस्थ के लिए जन्माष्टमी आज, आधी रात को इतने बजे से पहले जरूर कर लें भगवान कृष्ण की पूजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 23, 2019 07:09 AM2019-08-23T07:09:24+5:302019-08-23T07:09:24+5:30
Janmashtami 2019: कृष्ण जन्माष्टमी का आज त्योहार है। हालांकि, देश के कई क्षेत्रों में यह कल यानी 24 अगस्त को भी मनाया जाएगा। पंचाग को देखें तो अष्टमी तिथि 23 अगस्त को ही सुबह 8.09 बजे से शुरू हो रही है और यह 24 अगस्त को सुबह 8.32 बजे खत्म होगा।
Janmashtami 2019: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का त्योहार आज देश भर में खूब धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। यह श्रीकृष्ण का 5246वां जन्मोत्सव है। वैसे, कई क्षेत्रों में और विशेषकर साधु-सन्यासी जन्माष्टमी कल मनाएंगे। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। ऐसे में 23 और 24 अगस्त को तिथि को लेकर ऐसा संयोग बन रहा है जिससे इन दोनों दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है।
पंचाग को देखें तो अष्टमी तिथि 23 अगस्त को ही सुबह 8.09 बजे से शुरू हो रही है और यह 24 अगस्त को सुबह 8.32 बजे खत्म होगा। वहीं, रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त को तड़के 3.48 बजे से शुरू होगा और ये 25 अगस्त को सुबह 4.17 बजे उतरेगा। कुछ पंडितों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र 23 अगस्त को रात 11.56 बजे से ही शुरू हो जाएगा। ऐसे में 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने को सबसे शुभ माना जा रहा है क्योंकि तब तिथि अष्टमी रहेगी।
Janmashtami 2019: जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा मध्य रात्रि में ही की जाती है। ऐसे में अगर आप 23 अगस्त को जन्माष्टमी मना रहे हैं तो पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12.08 बजे से शुरू हो जाएगा और यह 1.04 बजे तक है। व्रत का पारण अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र उतरने के बाद ही करना चाहिए। अगर दोनों के उतरने के संयोग एक साथ नहीं बन रहे हैं तो अष्टमी या फिर रोहिण नक्षत्र उतरने के बाद आप व्रत तोड़ सकते हैं। ऐसे ही 24 अगस्त को पूजा का मुहूर्त 12.01 बजे से 12.46 बजे तक है।
Janmashtami 2019: जन्माष्टमी पर इस बार अद्भुत संयोग
श्रीकृष्ण का जन्म करीब 5000 साल पहले मध्यरात्रि में हुआ। उस समय अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र था। कान्हा के जन्म के समय सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे। इस बार भी यही संयोग बन रहा है। तारों और ग्रहों की चाल करीब-करीब वैसी ही है जो द्वापरयुग में श्रीकृष्ण के जन्म के समय थी।
Janmashtami 2019: जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा विधि
जन्माष्टमी के दिन व्रत करने वाले को दिन भर अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। फलाहार किया जा सकता है। इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद घर के मंदिर को भी साफ सुथरा कर लें और जन्माष्टमी की पूजा के लिए तैयारी शुरू करें। रोज की तरह पूजा करने के बाद मंदिरों को अच्छे से सजाये बाल कृष्ण लड्डू गोपाल जी की मूर्ति मंदिर में रखे।
माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा जी का चित्र भी लगा सकते हैं। मध्य रात्रि को पूजा की तैयारी पहले ही शुरू कर दें। रात को 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के बाद भगवान की पूजा करें और भजन करें। गंगा जल से कृष्ण को स्नान करायें और उन्हें सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाएं। भगवान को झूला झुलाए और फिर भजन, गीत-संगीत के बाद प्रसाद का वितरण करें। इसके बाद अगले सुबह स्नान आदि और पूजा करने के बाद व्रत तोड़े।