यदि आप 15 दिसबंर से लेकर 14 जनवरी के बीच में कोई शुभ कार्य करने की सोच रहे हैं तो ठहर जाइए! क्योंकि शुक्रवार (15 दिसंबर) से खरमास शुरू हो गया है जो अगले महीने की 14 तारीख तक रहेगा। आज तकरीबन 4 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने के बाद खरमास की शुरुआत हुई। इस दिन को पौष संक्रांति या धनु संक्रांति भी कहते हैं। खरमास की अवधि एक महीने तक रहती है। इसमें कोई शुभ और मंगल कार्य नहीं किया जाता है।
क्या है खरमास के पीछे किंवदंती
किंवदंती के मुताबिक भगवान सूर्य देव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर पूरे संसार का चक्कर लगा रहे थे। इस दौरान उनके घोड़ों को प्यास लगी। तभी रास्ते में एक तालाब मिला और सूर्य देव ने घोड़ों को पानी पिलाने के लिए रथ को रोक दिया। घोड़े पानी पीने के बाद आराम करने लगे। लेकिन भगवान शिव को पूरे संसार में उजाला करने के लिए चलते रहना होता है। इस दौरान सूर्य देवता ने दो गधों की सवारी कर संसार का चक्कर लगाने लगे। जिसके कारण उनकी चाल धीमी हो गई। लगातार एक महीने चक्कर लगाने के बाद सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश किए। इस दौरान फिर से वे सात घोड़ों पर सवार हो गए। तभी से धनु संक्रांति में सूर्य की चाल एकदम धीमी हो जाती है। धनु संक्रांति को लेकर एक और मान्यता है कि महाभारत के पितामह भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। लेकिन वो इसी माह के दौरान धराशायी हुए थे।
न करें ये शुभ कार्य
1. गृह प्रवेश न करें
2. गहनों की खरीदारी न करें
3. वाहन की खरीदारी न करें
4. शादी न करें
5. सगाई न करें
6. घर का निर्माण न करें
7. कोई धार्मिक कार्य न करें