Kedarnath-Yamunotri Kapat: केदारनाथ और यमुनोत्री कपाट भैयादूज के पावन पर्व पर पूजा पाठ और विधि- विधान के साथ बंद, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 15, 2023 08:39 PM2023-11-15T20:39:01+5:302023-11-15T20:41:37+5:30
Kedarnath-Yamunotri Kapat: भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच केदारनाथ मंदिर के कपाट सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए।
Kedarnath-Yamunotri Kapat: उत्तराखंड में स्थित विश्वप्रसिद्ध उच्च गढ़वाल हिमालयी धामों केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट बुधवार को भैयादूज के पावन पर्व पर परंपरागत पूजा पाठ और विधि- विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच केदारनाथ मंदिर के कपाट सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए।
कपाट बंद होने के मौके पर कड़ाके की ठंड के बावजूद ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री भगवान के दर्शनों के लिए केदारनाथ में मौजूद थे और 'जय केदार', 'बम बम भोले' और 'ऊं नम: शिवाय' का उदघोष कर रहे थे। इस अवसर पर केदारनाथ मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था।
#WATCH | Uttarakhand: The portals of Shri Kedarnath Dham closed for the winter season.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2023
Lord Kedar's Doli (Palanquin) will be taken to its winter abode Omkareshwar Temple in Ukhimath. pic.twitter.com/fzp98JB134
पिछले दिनों हुई बर्फबारी के चलते केदारनाथ पुरी और आसपास का इलाका ताजे बर्फ से ढका है और ठंडी हवाएं चलने से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इस अवसर पर भारतीय सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस तथा दानदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे भी आयोजित किये ।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस साल साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये। कपाट बंद होने के बाद अब श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन और पूजा उनके शीतकालीन प्रवास स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में कर सकेंगे ।
गढ़वाल हिमालय के चार धामों में शामिल एक अन्य धाम यमुनोत्री के कपाट भी बुधवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद अपराहन 11:57 पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। अब सर्दियों के दौरान छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खुशीमठ (खरसाली) गांव में होंगे।
गंगोत्री धाम के कपाट मंगलवार को अन्नकूट के पर्व पर बंद हुए थे जबकि बदरीनाथ मंदिर के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे । सर्दियों में बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिए जाते हैं ।