Karwa Chauth 2024 Date: कब है करवा चौथ? यहां जानिए तिथि, पूजा मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और व्रत विधि
By रुस्तम राणा | Updated: September 23, 2024 14:30 IST2024-09-23T14:30:38+5:302024-09-23T14:30:48+5:30
Karwa Chauth 2022 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है।

Karwa Chauth 2024 Date: कब है करवा चौथ? यहां जानिए तिथि, पूजा मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और व्रत विधि
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं। महिलाएं बिना अन्न-जल धारण किए इस व्रत का पालन करती हैं और रात्रि में चंद्र देव के दर्शन करने के बाद ही जल ग्रहण कर व्रत का पारण करती हैं। हर साल करवा चौथ व्रत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। आइए जानते हैं इस साल कब है करवा चौथ (Karwa Chauth 2022 Date) व्रत, क्या है पूजा का मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और व्रत विधि।
कब है करवा चौथ 2024 ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ का व्रत रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर की सुबह 6:46 बजे आरंभ हो रही है, जो 21 अक्टूबर, 2024 की सुबह 4:16 बजे तक रहेगी।
करवा चौथ 2024 व्रत मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 20 अक्टूबर, रविवार को सुबह 6:46 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 21 अक्टूबर, 2024 की सुबह 4:16 बजे तक
पूजा मुहूर्त: 20 अक्टूबर की शाम 5:46 बजे शुरू हो रहा है जो शाम 7:09 बजे तक रहेगा
चंद्रोदय: 20 अक्टूबर, 2024 की शाम 7:55 बजे
करवा चौथ 2024 व्रत विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की परंपरा के अनुसार सरगी आदि ग्रहण करें।
स्नानादि करने के पश्चात निर्जल व्रत का संकल्प करें।
शाम के समय तुलसी के पास बैठकर दीपक प्रज्वलित कर करवाचौथ की कथा सुनें।
चंद्रोदय से पहले ही एक थाली में धूप-दीप, रोली, पुष्प, फल, मिष्ठान आदि रख लें।
एक लोटे में अर्घ्य देने के लिए जल भर लें।
मिट्टी के बने करवा में चावल या फिर चिउड़ा आदि भरकर उसमें दक्षिणा के रुप में कुछ पैसे रख दें।
एक थाली में श्रृंगार का सामान भी रख लें।
चंद्र दर्शन कर पूजन आरंभ करें।
सभी देवी-देवताओं का तिलक करके फल-फूल मिष्ठान आदि अर्पित करें।
श्रृंगार के सभी सामान को भी पूजा में रखें और टीका करें।
अब चंद्र देव को जल का अर्घ्य दें।
छलनी में दीप जलाकर चंद्र दर्शन करें, अब छलनी से अपने पति के दर्शन करें।
इसके बाद पति के हाथों से जल पीकर व्रत का पारण करें।
अंत में श्रृंगार की सामाग्री और करवा को अपनी सास या फिर किसी सुहागिन स्त्री को दें।