लाइव न्यूज़ :

Karwa chauth 2020: सबसे पहले किसने रखा था करवा चौथ का व्रत? कैसे शुरू हुई इस व्रत की परंपरा

By गुणातीत ओझा | Published: October 28, 2020 6:40 PM

आज 4 नवंबर को सुहागिन औरतें करवा चौथ का व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर रही हैं। करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है।

Open in App
ठळक मुद्देसुहागिनें 4 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना करेंगी।करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है।

KARWA CHAUTH 2020: पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन औरतें हर साल करवा चौथ का व्रत रखती हैं। आदि काल से चले आ रहे इस व्रत की परंपरा के साथ आज भी हिन्दू धर्म में गहरी आस्था है। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है।    आज 4 नवंबर को सुहागिन औरतें करवा चौथ का व्रत रख अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर रही हैं। करवा चौथ का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए बहुत महत्व रखता है। करवा चौथ पर माता पार्वती, भगवान शिव और चंद्रदेव की पूजा का विधान है। सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ पर पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रोदय के पश्चात चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। आइये आपको बताते हैं कि सबसे पहले इस व्रत को किसने रखा.. कैसे शुरु हुई करवाचौथ पर व्रत रखने की परंपरा और इस दिन चंद्रमा की पूजा क्यों की जाती है।

पौराणिक कथा के अनुसार करवाचौथ का व्रत सबसे पहले स्वयं माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। यही कारण है कि सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना के साथ इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का भी विधान है।

करवा चौथ के व्रत के बारे में यह भी कहा जाता है कि एक बार देवों और दानवों में बहुत भीषण युद्ध हुआ तब ब्रह्मदेव ने सभी देवताओं की पत्नियों को करवा चौथ का व्रत करने के लिए कहा। ब्रह्मा जी की बात मानकर सभी देवियों ने कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को व्रत रखा जिससे देवों को युद्ध में विजय प्राप्त हुई। तभी से यह परंपरा शुरु हुई। इस व्रत की महिमा की कथा महाभारत के समय में भी मिलती है।

पौराणिक कथा के अनुसार जब अर्जुन नीलगिरी पर्वत पर तपस्या करने गए, उस समय पांडवों पर कई तरह के संकट आने लगे। तब द्रोपदी ने अपने पतियों के संकट को दूर करने के लिए भगवान कृष्ण से उपाय पूछा। तब भगवान ने उन्हें कार्तिक मास की चतुर्थी को व्रत करने को कहा। द्रोपदी ने पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत को किया। जिसके बाद पांडवों के सारे संकट दूर हो गए। 

करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा क्यों की जाती है?

चंद्रमा को आयु वृद्धि और शीतलता का कारक माना जाता है। इसलिए माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से आयु में वृद्धि होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। करवा चौथ की पौराणिक कथा में भी चंद्रमा की पूजा का महत्व बताया जाता है। 

टॅग्स :करवा चौथभगवान शिवपार्वतीधार्मिक खबरें
Open in App

संबंधित खबरें

भारतअमरनाथ गुफा में छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ ही यात्रा संपन्न, करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

पूजा पाठSawan Ka Akhiri Somvar 2024: सावन के पांचवें सोमवार पर बन रहे हैं ये शुभ योग; यहां जानें सबकुछ

पूजा पाठSawan Somwar Mahakal: बाबा महाकाल की भव्य सवारी, पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा महेश, देखें तस्वीरें

भारतAmarnath Yatra: सैकड़ों किमी पैदल चल कर अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालु गदगद, 850 किलोमीटर से ज्यादा पैदल चले

पूजा पाठDeoghar Har Har Mahadev 2024: महादेव की जयकार और बोल बम के नारे के साथ झुमते हुए किन्नर बाबा धाम रवाना, देखें तस्वीरें और वीडियो

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठKrishna Janmashtami 2024: ऐसे करें लड्डू गोपाल का अभिषेक, दूर होंगे सभी दुख, भगवान सुनेंगे मनोकामना

पूजा पाठआज का पंचांग 21 अगस्त 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 21 August 2024: आज वृषभ, वश्चिक समेत इन 5 राशिवालों के लिए ग्रह-नक्षत्र अनुकूल, बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा अप्रत्याशित धन

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 22 August 2024: आज आपके कदम चूमेगी कामयाबी, अधूरी इच्छा होगी पूरी

पूजा पाठKrishna Janmashtami 2024: राशि के अनुसार ऐसे करें बाल गोपाल का श्रृंगार, हर मनोकामना होगी पूरी, विशेष कृपा की होती है प्राप्ति