तैरने वाला एक अजीबोगरीब चर्च, 160 साल पहले बनाया गया था इसे, अब यहां हर ओर है सन्नाटा

By विनीत कुमार | Published: March 5, 2020 12:18 PM2020-03-05T12:18:07+5:302020-03-05T12:18:07+5:30

Shettihalli Rosary Church: इस चर्च का निर्माण 1860 में फ्रेंस मिशनरीज ने कराया था। इस चर्च के ऊपर का हिस्सा बेहद आकर्षक है और दोपहर के समय यहां जाना सबसे खास है।

Karnataka floating church in shettihalli of Hassan know why it is special and its history | तैरने वाला एक अजीबोगरीब चर्च, 160 साल पहले बनाया गया था इसे, अब यहां हर ओर है सन्नाटा

कर्नाटक के रोजरी चर्च का इतिहास

Highlightsहासन जिले के शेट्टीहल्ली गांव का रोजरी चर्च, 1860 में हुआ था निर्माणफ्रेंच मिशनरीज ने कराया था इस चर्च का निर्माण, 1960 के बाद गुम होता गया विराने में

भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो रहस्य से भरी है। यही नहीं उनसे जुड़ी कहानियां, उनका इतिहास और उनकी संरचनाएं और भी हैरान करती हैं। कर्नाटक के हासन जिले में शेट्टीहल्ली नाम के एक गांव से जुड़ी ऐसी ही एक कहानी मौजूद है। यहां एक चर्च है जो रोजरी चर्च के नाम से मशहूर है। इसे कई लोग 'डूबा हुआ चर्च' या फिर 'तैरने वाले चर्च' के नाम से भी जानते हैं। ये अब पूरी तरह से विरान पड़ा है और यहां पर्यटक और आसपास के लोग ही कभी-कभी आते हैं।

शेट्टीहल्ली का रोजरी चर्च

इस चर्च का निर्माण 1860 में फ्रेंच मिशनरीज ने कराया था। हेमावती नदी के बैकवाटर के लगभग किनारे बने इस चर्च की खासियत ये है कि मानसून के दौरान ये पानी में डूब जाता है। आप इस जगह को भारत के गुमनाम डेस्टिनेशन में शामिल कर सकते हैं। साल 1960 में हेमावती नदी पर बांध बनने के बाद इस चर्च के चारों ओर की जमीन रेतीली होती चली गई। धीरे-धीरे ये चर्च भी विरानों में खोता चला गया।

क्यों खास है शेट्टीहल्ली का रोजरी चर्च

इस चर्च के चारों ओर की जगह अब करीब सालों भर पानी में डूबी रहती है। इसलिए यह इतना खास भी है। यदि आप मानसून के मौसम में यहां आते हैं, तो चैपल (छोटे चर्च) का केवल एक-तिहाई हिस्सा ही दिखाई दे सकता है।

इस चर्च के ऊपर का हिस्सा बेहद आकर्षक है और दोपहर के समय यहां जाना सबसे खास है। इस वक्त इसे देखना बेहद खूबसूरत अनुभव होता है। हर साल, जैसे ही बांध खुलने से पानी का स्तर बढ़ता है, चर्च का कुछ हिस्सा पानी के नीचे चला जाता है।

यदि आप बरसात के मौसम में चर्च की यात्रा करना चाहते हैं, तो आप नाव को किराए पर ले सकते हैं। ये नाव आपको पानी पर चलते हुए ही चर्च के भीतरी हिस्से में ले जाते हैं और ये नजारा सबसे खास होता है।

इस चर्च को देखने का सबसे अच्छा समय भी जुलाई से अक्टूबर के बीच का होता है जब ये आधा पानी में डूबा रहता है। इसे दिसंबर के मई के बीच देखा जा सकता है जब पूरा चर्च सतह पर नजर आता है। इस वीराने में खो चुके रोजरी चर्च के बारे में एक चीज ऐसी है जो काफी रहस्यमयी भी है। वो है यहां का एकांत और अजीब से शांति। इसका अनुभव सबसे बेजोड़ और अविस्मरणीय होता है। 

Web Title: Karnataka floating church in shettihalli of Hassan know why it is special and its history

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