जब माता पार्वती के गुस्से से आया था तूफान, घबरा गए थे सारे देवी-देवता, भगवान शिव के इस मजाक पर हुईं थीं क्रोधित

By मेघना वर्मा | Published: May 19, 2020 09:27 AM2020-05-19T09:27:36+5:302020-05-19T09:38:10+5:30

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती भगवान शिव से नाराज हो गई थीं। मगर भगवान शिव और पार्वती के बीच ऐसा झगड़ा हुआ कि पूरे संसार ने तबाही का मंजर देखा।

kalkeshwer mahadev temple ujjain story behind it, lord shiva and parvati fight created catastrophe in world | जब माता पार्वती के गुस्से से आया था तूफान, घबरा गए थे सारे देवी-देवता, भगवान शिव के इस मजाक पर हुईं थीं क्रोधित

जब माता पार्वती के गुस्से से आया था तूफान, घबरा गए थे सारे देवी-देवता, भगवान शिव के इस मजाक पर हुईं थीं क्रोधित

Highlightsजब सभी देवताओं ने ये देखा तो वो भी भयभीत हो उठे। एक ऐसा ही प्रसंग है जिसमें भगवान शिव और पार्वती के बीच झगड़े या कलह को बताया गया है। 

भगवान शिव की लीला अपरम्पार है। शिव हर हाल में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। शिव से जुड़े कई प्रसंग हमें पुराणों में पढ़ने को मिलते हैं। खासकर माता पार्वती के साथ शिव की लीला के कई लोककथाएं भी सुनने को मिलती हैं। एक ऐसा ही प्रसंग है जिसमें भगवान शिव और पार्वती के बीच झगड़े या कलह को बताया गया है। 

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती भगवान शिव से नाराज हो गई थीं। मगर भगवान शिव और पार्वती के बीच ऐसा झगड़ा हुआ कि पूरे संसार ने तबाही का मंजर देखा। सिर्फ यही नहीं सारे देवताओं ने इसे रोकने के लिए सभी ताकत लगानी पड़ी थी। 

भगवान शिव ने कही थी ये बात 

माना जाता है कि माता पार्वती एक बार मंडप में मातृकाओं के साथ बैठी हुई थीं। उनका रंग सभी के बीच थोड़ा दबा हुआ सा दिख रहा था। तभी भगवान शंकर ने कहा- हे महाकाली, तुम मेरे पास आकर बैठो। मेरे गोरे शरीर के पास बैठने से तुम्हारी शोभा बिजली की तरह हो जाएगी। भगवान शिव ने आगे कहा कि तुम यदि रात्रि के समान काली मेरे पास बैठोगी तो मुझे नजर नहीं लगेगी। इस बात पर माता पार्वती क्रोधित हो गईं। 

पृथ्वी हो गई असंतुलित

माता पार्वती ने कहा- आपने जब नारद जी को मेरे पिता के पास मुझसे विवाह का प्रस्ताव भेजा था तब क्या आपने मेरा रूप-रंग नहीं देखा था। इस बात से पर भोले भंडारी भी भड़क उठे। दोनों में भंयकर झगड़ा होने लगा। दोनों की लड़ाई और विवाद इतना बढ़ने लगा की तीनों लोकों में प्राकृतिक आपदाएं आने लगीं। तूफान, बारिश के साथ कलह मच गया। पंचतत्व, अग्नि, वायु, आकाश और पूरी पृथ्वी असंतुलित हो गई। 

देवता भी हो गए भयभीत

जब सभी देवताओं ने ये देखा तो वो भी भयभीत हो उठे। उन्होंने प्रार्थनाएं करनी शुरू कर दी। तभी पृथ्वी से एक दिव्य लिंग प्रकट हुआ। जिसमें से निकली वाणी ने कहा कि इस लिंग की पूजा करें। इसी से शिव-पार्वती के बीच का क्लेश दूर होगा। सभी देवताओं ने इस लिंग का पूजन किया। जिसके बाद माता पार्वती का गुस्सा शांत हुआ। 

आज भी यहां स्थित है ये शिवलिंग

इस शिवलिंग को आज भी कलकेश्वर महादेव के रूप में पूजा जाता है। यह शिवलिंग उज्जैन में स्थित है। माना जाता है कलकेश्वर महादेव के दर्शन करने से पति-पत्नी के बीच कलह दूर हो जाती है और शांति बनी रहती है। मान्यता ये भी है कि इस मंदिर में पूजा करने से इंसान को सांप और आग का डर भी दूर हो जाता है। 

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