हिन्दू धर्म के अनुसार इस समय ज्येष्ठ का महीना चल रहा है। हिन्दू मान्यताओं में इस महीने को महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में ही भगवान हनुमान, श्री राम से मिले थे। वहीं इसी महीने से नौतपा की भी शुरुआत हो गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नौतपा में गर्मी बढ़ जाती है।
ज्येष्ठ महीने में जल का दान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जल का दान सबसे शुभ माना जाता है। गर्मी के बढ़ने से पानी की समस्या होने लगती है, लोगों और पशु-पक्षियों को पानी पिलाना शुभ होता है। जल का अपव्यय करना भी शुभ नहीं माना जाता है।
5 जून को खत्म हो रहा है ज्येष्ठ माह लगेगा चंद्र ग्रहण
ज्येष्ठ का महीना 5 जून को समाप्त हो रहा है। वहीं 5 जून को ही दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसका असर इस बार सभी राशियों पर पड़ेगा। वहीं वृश्चिक राशि और ज्येष्ठ नक्षत्र में ये ग्रहण लगेगा। ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
ग्रहण का समय
5 जून को लगने वाले चंद्र ग्रहण का समय रात को 11 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगा। जिसकी समाप्ति 2 बजकर 32 मिनट पर सुबह होगी। वहीं रात 12 बजकर 54 मिनट पर ये पूरे प्रभाव में होगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 15 मिनट की होगी। बताया जा रहा है कि ये एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा जिसकी वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा।
बरतें ये सावधानियां
ग्रहण काल के दौरान खाने-पीने की मनाही होती है। वहीं कुछ भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर के बाहर ना निकलने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी प्रबल होती हैं। जिसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा पड़ता है।