Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा की थाली में शामिल करें ये चीजें, विधि-विधान की पूजा से प्रसन्न हो जाएंगे बाल-गोपाल हो जाएंगे

By अंजली चौहान | Published: September 4, 2023 04:29 PM2023-09-04T16:29:05+5:302023-09-04T16:30:10+5:30

कृष्ण जन्माष्टमी, या गोकुलाष्टमी, भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के भाद्रपद महीने के अंधेरे पखवाड़े के आठवें दिन होता है।

Janmashtami 2023 Include these things in the plate of worship on the day of Krishna Janmashtami Bal-Gopal will be happy with the worship of law | Janmashtami 2023: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा की थाली में शामिल करें ये चीजें, विधि-विधान की पूजा से प्रसन्न हो जाएंगे बाल-गोपाल हो जाएंगे

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Janmashtami 2023: हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार महत्वपूर्ण है। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाया जाएगा।

गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर को और वैष्णव संप्रदाय के लोग 7 सितंबर को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। इस दिन कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था और जन्म के प्रतीक इस दिन को जश्न के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। जन्माष्टमी के दिन कई लोग पूजा के साथ व्रत भी रखते हैं और रात के समय में बाल-गोपाल का जन्म होता है। 

जो लोग भी जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं वह भगवान का पसंदीदा व्यंजन माखन, दही, दूध आदि को भोग लगाते हैं। वहीं, पूजा के दौरान अपनी थाली में पूरी पूजन सामग्री का होना जरूरी है। आइए हमारे इस आर्टिकल में बताते हैं आपको पूजन सामग्री की जरूरी चीजें...

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री 

अगरबत्ती, कपूर, केसर, चंदन, कुमकुम, अक्षत, यज्ञोपवीत 5, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, आभूषण, नाड़ा, रुई, रोली,  सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, कमलगट्टे, पुष्पमाला, तुलसीमाला, साबूत धनिया, सप्तमृत्तिका, सप्तधान, कुशा व दुर्वा, गंगाजल, पंच मेवा, शहद, शक्कर, तुलसी दल, शुद्ध घी, दूध, दही, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान, हरी इलायची, लौंग, मौली, इत्र , सिंहासन, झूला, पंच पल्लव, पंचामृत, केले के पत्ते, औषधि, बाल गोपाल की मूर्ति या तस्वीर, भगवान के वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, बन्दनवारस ताम्बूल, नारियल, चावल, गेहूं, गुलाब, लाल कमल, फूल, अर्घ्य पात्र और  खीरा, मिठाई, माखन, मिश्री।

जन्माष्टमी पूजन विधि 

- सबसे पहले जन्माष्टमी के दिन प्रात:काल नहा कर साफ कपड़े पहनकर तैयार हो जाए। 

- भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर को एक साफ मंच या वेदी पर रखें।

- वेदी को फूलों और मालाओं से सजाएं। अगरबत्ती और दीपक जलाएं।

- कृष्ण मंत्रों का जाप करते हुए भगवान कृष्ण को जल, दूध, दही, शहद और घी से पवित्र स्नान कराएं।

- कृष्ण की पारंपरिक पोशाक धोती, मोर पंख का मुकुट और आभूषण हैं।

- मंत्रों का जाप करते हुए भगवान कृष्ण को चंदन और कुमकुम (सिंदूर) का लेप लगाएं।

- फल, मिठाई और भगवान कृष्ण के अन्य पसंदीदा व्यंजन जैसे मक्खन, दूध और माखन मिश्री चढ़ाएं। घी के दीपक जलाएं और भगवान कृष्ण को अर्पित करें। भगवान के सामने कपूर घुमाएं और आरती करें।

- भक्ति गीत और मंत्रों का जाप करते हुए घंटी बजाएं और शंख बजाएं। 

- अपनी आंखें बंद करें, भगवान कृष्ण का ध्यान करें और अपने जीवन में शांति, समृद्धि और भक्ति के लिए उनका आशीर्वाद मांगें।

- पूजा के बाद, प्रसाद (भगवान को चढ़ाया गया भोजन) परिवार के सदस्यों और मेहमानों को वितरित करें।

- भगवान कृष्ण की स्तुति में भक्ति गीत या भजन गाएं।

- कई भक्त कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान उपवास रखते हैं और आधी रात को जन्म उत्सव के बाद ही इसे तोड़ते हैं।

- आधी रात को भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाएं। शिशु कृष्ण के लिए पालने या झूले को सजाएं और लोरी गाएं।

- यदि संभव हो तो विशेष प्रार्थनाओं और उत्सवों के लिए किसी कृष्ण मंदिर में जाएँ।

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। लोकमत हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है कृपया किसी भी मान्यता के मानने से पहले इसकी पुष्टि विशेषज्ञ द्वारा अवश्य कर लें।) 

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