Holika Dahan 2020: होलिका दहन पर आज भद्रा का साया नहीं, जानिए होलिका जलाने का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

By विनीत कुमार | Published: March 9, 2020 08:12 AM2020-03-09T08:12:56+5:302020-03-09T08:12:56+5:30

Holika Dahan 2020: होलिका दहन के दिन पूर्णिमा तिथि सोमवार को तड़के 03.03 बजे ही शुरू हो चुकी है। इसका समापन रात 11.17 बजे होगा।

Holika Dahan 2020 puja shubh muhurat kabh hai, holika dahan puja vidhi and significance | Holika Dahan 2020: होलिका दहन पर आज भद्रा का साया नहीं, जानिए होलिका जलाने का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

HighlightsHolika Dahan: होलिका दहन का शुभ समय 2 घंटे 26 मिनट हैहोलिका दहन का सबसे शुभ मुहूर्त शाम 6.26 बजे से रात 8.52 बजे तक का होगा

Holika Dahan 2020:होली से पहले किया जाने वाला होलिका दहन आज है। खास बात ये है कि होलिका दहन पर इस बार भद्रा का साया नहीं रहने वाला है। भद्राकाल में होलिका दहन सहित कई अन्य शुभ कार्य करने की मनाही होती है। साथ ही इस बार होली के मौके पर 499 साल बाद ग्रह-नक्षत्रों का एक खास संयोग भी बन रहा है। 

पंचांग के अनुसार इस बार फाल्गुन पूर्णिमा यानी की आज गुरु बृहस्पति और शनि अपनी-अपनी राशियों में रहेंगे। इसे सुख-समृद्धि और धन-वैभव के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है। इससे पहले ग्रहों का यह संयोग 3 मार्च 1521 में बना था।

Holika Dahan 2020: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन के दिन पूर्णिमा तिथि सोमवार को तड़के 03.03 बजे ही शुरू हो चुकी है। इसका समापन रात 11.17 बजे होगा। इस लिहाज से इस दिन होलिका दहन का शुभ समय 2 घंटे 26 मिनट है। सबसे शुभ मुहूर्त शाम 6.26 बजे से रात 8.52 बजे तक का होगा। वैसे कुल अवधि रात 11.17 बजे तक है। 

पूजन मुहूर्त- भद्रा अवधि में शुभ योग 

सुबह 10.16 से 10.31 बजे तक

भद्रा पश्चात लाभामृत योग- 

दोपहर 1.13 से शाम 6.00 बजे तक।

होलिका दहन मुहूर्त-

कुल अवधि: शाम 6.22 से रात 11.18 बजे तक।
शुभ मुहूर्त: शाम 6.22 से रात 8.52 बजे तक।
प्रदोष काल विशेष मंगल मंगल मुहूर्त: शाम 6.22 से शाम 7.10 बजे तक

Holika Dahan: होलिका दहन की पूजा विधि

होलिका दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है। इसमें अक्षत, चंदन, रोली, हल्दी, गुलाल, फुल, गुलरी, जल, सुपारी आदि का इस्तेमाल किया जाता है। होलिका दहन पूजा करते समय पूजा करने वाले व्यक्ति को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर से मुख करके बैठना चाहिए। 

पूजा में बताशे और नई फसल के अन्न का भी इस्तेमाल करना चाहिए। दहन से पहले मौली, फूल, गुलाल, गोबर से बने खिलौनों की मालाएं आदि होलिका पर चढ़ाई जाती है। इसके बाद कच्चे सूत को होलिका के चारो ओर तीन या सात बार परिक्रमा करते हुए लपेटना चाहिए। साथ ही जल समेत पूजन की अन्य वस्तुओं को भी होलिका पर समर्पित करें। पूजन के बाद जल से अर्घ्य दें।

Web Title: Holika Dahan 2020 puja shubh muhurat kabh hai, holika dahan puja vidhi and significance

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