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Holashtak 2021: होलाष्टक इस बार कब से कब तक, कौन से काम नहीं करने चाहिए इस दौरान, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 25, 2021 13:24 IST

Holashtak 2021 Date: हिंदू मान्यताओं में होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ और मंगल कार्य करने की मनाही है। होलाष्टक की शुरुआत होली के करीब 8 दिन पहले होती है।

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ठळक मुद्देहोली इस बार 29 मार्च को है, इससे करीब 8 दिन पहले शुरू हो जाता है होलाष्टकफाल्गुन के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लग जाता है होलाष्टक, पूर्णिमा को होता है समापनमान्यताओं के अनुसार होलाष्टक में मुख्य तौर पर शुभ और मंगल कार्य नहीं किए जाने चाहिए

Holashtak 2021: हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक होली अगल महीने 29 मार्च को है। पंचाग के अनुसार होली से करीब 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है और इस इसका समापन होलिक दहन के साथ होता है। होली से पहले के इन आठ दिनों का समय बेहद अशुभ माना गया है। इसलिए इस अवधि में शुभ कार्य करने की मनाही होती है।  वहीं, होली के दिन से हिंदी कैलेंडर के पहले माह चैत्र की शुरुआत होती है। यही नहीं, होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। होली का पौराणिक कथाओं में जुड़ाव भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद और उनकी भक्ति से नाराज असुर पिता हिरण्यकश्यप से है। इन सबके बीच होलाष्टक का भी अपना महत्व है।

Holashtak 2021 Start Date: होलाष्टक कब से हैं

पंचांग के अनुसार होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होती है। ऐसे में इस बार होलाष्टक 22 मार्च (सोमवार) से शुरू हो रहा है। इसका समापन 28 मार्च (रविवार) यानी फाल्गुन की पूर्णिमा को होगा। अगले दिन यानी 29 तारीख को होली मनाई जाएगी।

मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक से जुड़ी दो अहम कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा में प्रह्लाद की भक्ति से नाराज होकर हिरण्यकश्यप ने होली से पहले के आठ दिनों में उन्हें अनेक प्रकार के कष्ट और यातनाएं दीं। इसलिए इसे अशुभ माना गया है।

एक और कथा ये भी है कि जब कामदेव ने प्रेम बाण चलाकर भगवान शिव की तपस्या को भंग किया तो वे क्रोधित हो गए। इसके बाद भगवान शंकर ने क्रोध में आकर अपना तीसरा नेत्र खोल दिया जिससे कामदेव भस्म हो गए। कामदेव के भस्म होते ही पूरी सृष्टि में शोक फैल गया।

ऐसे में कामदेव की पत्नी ने उन्हें जीवित करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की। रति की प्रार्थना से इससे भगवान शिव प्रसन्न हो हुए और कामदेव को पुर्नजीवित कर दिया। ऐसा होती है एक बार फिर पूरी सृष्टि में चहल-पहल और खुशियां फैल गई।

Holashtak 2021: होलाष्टक में क्या काम नहीं करें

होलाष्टक में मुख्य तौर पर सभी प्रकार के शुभ और मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं। ये वो समय भी होता है जब होलिक दहन के लिए तैयारी शुरू की जाती है। एक स्थान चुना जाता है और लड़कियों सहित अन्य चीजों को वहां जलाने के लिए जमा किया जाने लगता है।

ऐसे में होलाष्टक के दौरान विवाह का मुहूर्त नहीं होता है। इन दिनों विवाह नहीं करना चाहिए। साथ ही नए घर में प्रवेश या कहें कि गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए। भूमि पूजन भी नहीं करने की परंपरा है। नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके से ससुराल या ससुलार से अपने मायके नहीं जाना चाहिए।

किसी भी प्रकार का हवन, यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किये जाते। 16 प्रकार के संस्कार हिंदू धर्म में बताए गए हैं। इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं करना चाहिये। हालांकि, दुर्भाग्यवश अगर किसी की मौत होती है तो अंत्येष्टि संस्कार के लिये शांति पूजन करवाया जाता है।

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