हरिद्वार। साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने शुक्रवार को कहा कि कुंभ के मुहूर्त को किसी भी स्थिति में टाला नहीं जा सकता और आगामी कुंभ मेला वर्ष 2021 में ही तय तिथि के अनुसार होगा। यहां श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा में संवाददाताओं से बात करते हुए महाराज ने कहा, ‘‘जब हर की पैड़ी पर गंगा नदी में अमृत की बूंदे गिरी थीं तो वह तिथि वर्ष 2021 के अप्रैल में ही पड़ती है और कुंभ के मुहूर्त को किसी भी स्थिति में टाला नहीं जा सकता है।
इसलिए कुंभ अपने तय समय पर ही होगा।’’ हालांकि, कोरोना संकट के कारण बदली परिस्थितियों के मद्देनजर उन्होंने कहा कि नई परिस्थितियों के अनुसार समय आने पर कुंभ के आयोजन के स्वरूप पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज कोरोना वायरस के कारण परिस्थिति बदल गयी हैं और यदि यही परिस्थिति कुंभ के आयोजन के समय भी रही तो कुंभ के स्वरूप में परिवर्तन भी किया जा सकता है।’’
महाराज ने कहा कि आगे की परिस्थितियों के अनुसार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सभी तेरह अखाड़े बैठक करेंगे और सामूहिक रूप से निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुंभ के बारे में उनकी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से फोन पर बातचीत हुई है और वह जल्द ही कुंभ के बारे में बैठक करने के लिए अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधियों को देहरादून बुलाएंगे या फिर खुद हरिद्वार आएंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अखाड़ा परिषद की बात पर हामी भरी है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कुंभ अपने समय पर तय मुहूर्त के साथ होगा।