कनॉट प्लेस का हनुमान मंदिर जिसकी दिल्ली चुनाव में खूब हुई चर्चा, जानिए इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें
By विनीत कुमार | Published: February 11, 2020 06:19 PM2020-02-11T18:19:28+5:302020-02-12T10:06:19+5:30
दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित इस मंदिर का जुड़ाव महाभारत काल से है। कहते हैं कि पांडवों ने इस शहर में पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी। ये उन्ही में से एक है।
Delhi Results: दिल्ली चुनाव में इस बार हनुमान जी और खासकर कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर की खूब चर्चा रही। अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी चैनल पर हनुमान चालीसा क्या पढ़ी, पूरे चुनाव में कई बार हनुमान जी का जिक्र आया। केजरीवाल ने इस चर्चा के बीच चुनाव से पहले दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में भी आशीर्वाद लेने भी चले गए।
बीजेपी की ओर से इस पर खूब बयानबाजी हुई। दिलचस्प ये रहा कि जीत के बाद केजरीवाल ने 'आप' कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपने भाषण में न केवल हनुमान जी को धन्यवाद कहा बल्कि एक बार फिर कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर भी दर्शन के लिए चले गये। आईए, आज हम आपको कनॉट प्लेस के इस हनुमान मंदिर, इसकी महिमा और इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के बारे में बताते हैं।
दिल्ली के कनॉट प्लेस का प्राचीन हनुमान मंदिर
कनॉट प्लेस में स्थित इस हनुमान मंदिर को काफी प्राचीन बताया जाता है। मान्यता है कि यहां उपस्थित हनुमान जी स्वयंभू हैं। इसी मंदिर के पास बना शनि मंदिर भी काफी प्राचीन है। इस मंदिर का जुड़ाव महाभारत काल से है। कहते हैं कि दिल्ली का ऐतिहासिक नाम इंद्रप्रस्थ है, जिसे यमुना नदी के किनारे पांचवों द्वारा बसाया गया था।
उस समय पांडव इंद्रप्रस्थ पर और कौरव हस्तिनापुर पर राज्य करते थे। ये दोनों ही कुरु वंश से निकले थे। इंद्रप्रस्थ की स्थापना के समय पांडवों ने इस शहर में पांच हनुमान मंदिरों की स्थापना की थी। ये मंदिर उन्हीं पांच में से एक है। कहते हैं कि मध्यकालीन समय में तुलसीदास जी ने भी अपने दिल्ली यात्रा के समय इस मंदिर के दर्शन किये थे।
इस हनुमान मंदिर के वर्तमान इमारत का निर्माण आंबेर के महाराजा मान सिंह प्रथम (1540-1614) ने मुगल सम्राट अकबर के शासन काल में कराया था। इसका विस्तार महाराजा जयसिंह द्वितीय (1688-1743) ने जंतर मंतर के साथ ही करवाया था। इसके बाद भी इमारत में समय समय पर कुछ कुछ सुधार, बदलाव आदि होते रहे।