गोवर्धन पूजा कथा: जब भगवान श्री कृष्ण से लड़ गए थे इंद्र देव, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

By मेघना वर्मा | Published: November 7, 2018 03:47 PM2018-11-07T15:47:56+5:302018-11-07T15:47:56+5:30

Govardhan Puja katha, History, Importance & Significance in Hindu Religion: गोवर्धन पूजा का समबन्ध भगवान कृष्ण के साथ है मगर मान्यता है कि पहले के समय में लोग इस दिन इन्द्र की पूजा किया करते थे।

govardhan puja katha, history, importance and significance in hindu religion in hindi | गोवर्धन पूजा कथा: जब भगवान श्री कृष्ण से लड़ गए थे इंद्र देव, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

गोवर्धन पूजा कथा: जब भगवान श्री कृष्ण से लड़ गए थे इंद्र देव, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दिवाली के ठीक एक दिन बाद गोवर्धन पूजा को मनाया जाता है। बहुत से लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। भगवान कृष्ण को समर्पित इस पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। इस दिन भी दिवाली की खुशियां मनाई जाती है। द्वापर युग से शुरू हुई इस पूजा का हिन्दू शास्त्रों में खासा महत्व है। आइए हम बताते हैं आपको क्यों मनाई जाती है गोवर्धन पूजा और क्या है इसकी पौराणिक कथा। 

उत्तर भारत के मथुरा और अन्य जगहों पर मनाई जाने वाली इस पूजा को कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन मनाई जाती है। इस दिन बलि पूजा, अन्न कूट, मार्गपाली आदि उत्सव होते हैं। इस साल गोवर्धन पूजा 8 नवंबर के दिन पड़ रही है। इस पर्व को द्वापर युग से मनाया जा रहा है। 

ये है कथा

गोवर्धन पूजा का समबन्ध भगवान कृष्ण के साथ है मगर मान्यता है कि पहले के समय में लोग इस दिन इन्द्र की पूजा किया करते थे। उस समय श्री कृष्ण ने उन्हें बताया थि कि इन्द्र की पूजा से लाभ नहीं हासिल होगा इसलिए सभी को गौ धन को समर्पित गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए। 

इस बात को मानकर लोगों ने भगवान इंद्र की पूजा बंद कर दी। सभी गोवर्धन की पूजा करने लगे। इस बात से इंद्र काफी खफा हो गए थे। गुस्से में  उन्होंन भारी बारिश की और सबको डराने लगे। 

जब कृष्ण ने उठा लिया गोवर्धन पहाड़

इन्द्र की बारिश से लोगों में हड़कंप मच गया। गोवर्धन पर्वन को इंद्र ने पूरा बारिश मे डूबो दिया। लोगों के प्राण बचाने के लिए एक ऊंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया। भारी बारिश का प्रकोप 7 दिनों तक चलता रहा। इस गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी ब्रजवासियों ने शरण ली थी। ब्रह्या जी ने इन्द्र को बताया कि पृथ्वी पर भगवना विष्णु ने कृष्ण के रूप में जन्म लिया है तुम उनसे लड़ रहे हो। इस बात को जानकर इंद्र बहुत पछताए और भगवान से क्षमा मांगी।

जब सात दिन बाद बारिश बंद हुई तब श्री कृष्ण ने सभी को आदेश दिया कि अब से हर साल गोवर्धन की पूजा की जाएगी। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति मन से खुश रहता है, साल भर उसे खुशियां मिलती रहती हैं। 

English summary :
Govardhan Puja katha, History, Importance & Significance in Hindu Religion: Govardhan Puja is celebrated just one day after Diwali, the biggest festival of Hindu religion. Many people also know it by name as Annakoot. This worship devoted to Lord Krishna.


Web Title: govardhan puja katha, history, importance and significance in hindu religion in hindi

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे