अनोखा शिवलिंग जिसे महमूद गजनवी नहीं तोड़ सका तो खुदवा दिया कलमा, जानिए फिर क्या हुआ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 15, 2020 12:41 PM2020-01-15T12:41:58+5:302020-01-15T12:41:58+5:30

झारखंडी शिवलिंग से जुड़ी एक कहानी बेहद दिलचस्प है। इस कहानी के अनुसार शिवलिंग की महिमा सुनकर महमूद गजनवी भी यहां आया था और इसे तोड़ने की बहुत कोशिश की।

Gorakhpur Jharkhandi shiv temple story where Mahmud Ghazni wrote kalma | अनोखा शिवलिंग जिसे महमूद गजनवी नहीं तोड़ सका तो खुदवा दिया कलमा, जानिए फिर क्या हुआ

यूपी के गोरखपुर में है ये अनोखा शिवलिंग (फाइल फोटो)

Highlightsगोरखपुर में मौजूद है अनोखा शिवलिंग, झारखंडी शिव मंदिर के नाम से है प्रसिद्धएक कहानी के अनुसार गजनवी ने भी इसे तोड़ने की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हुआ

हिंदू धर्म में भगवान शिव को पूजने की परंपरा है। दुनिया भर में कई शिव मंदिर हैं जहां श्रद्धालु पूजा के लिए जाते हैं लेकिन आज हम आपको एक खास मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

इस शिव मंदिर की खासियत ये है कि यहां जहां हिंदू भगवान शिव का जल से अभिषेक करते हैं तो वहीं, दूसरी ओर यहां मुस्लिम भी नमाज अदा करते हैं। इसकी कहानी महमूद गजनवी से जुड़ी है जो बेहद दिलचस्प है।

यूपी के गोरखपुर में स्थापित है झारखंडी शिवलिंग

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर खजनी कस्बे के पास सरया तिवारी नाम का एक गांव है। इसी गांव में अनोखा शिवलिंग मौजूद है। इसे झारखंडी शिव भी कहा जाता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

ऐसी मान्यता है कि ये शिवलिंग कई सौ साल पुराना है और इनकी उत्पत्ति यहां स्वयं हुई। कहते हैं कि भगवान शिव के इस दरबार में जो भी भक्त आकर श्रद्धा से कोई कामना करते हैं, उसे भोलेशंकर पूरा जरूर करते हैं।

महमूद गजनवी ने की थी तोड़ने की कोशिश

इस शिवलिंग से जुड़ी एक कहानी बेहद दिलचस्प है। इस कहानी के अनुसार शिवलिंग की महिमा सुनकर महमूद गजनवी भी यहां आया था और इसे तोड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन पूरी ताकत झोंकने के बावजूद इसे वह तोड़ने में कामयाब नहीं हुआ।

शिवलिंग तोड़ने में नाकाम रहने के बाद गजनवी ने इस पर कुरान का एक पवित्र कलमा लिखवा दिया ताकि कोई हिंदू इस शिवलिंग की पूजा नहीं कर सके। हालांकि, इसका उलटा प्रभाव हुआ। गजनवी के कलमा लिखवाने के बाद ये शिवलिंग भक्तों के बीच और लोकप्रिय हो गया। साथ ही हिंदुओं के अलावा ये मुस्लिमों की भी आस्था का केंद्र बन गया।

Web Title: Gorakhpur Jharkhandi shiv temple story where Mahmud Ghazni wrote kalma

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