Geeta Jaynati 2019: जिंदगी जीने का सलीका बताते हैं गीता के उपदेश, यहां पढ़ें श्रीकृष्ण द्वारा दिए 3 महत्वपूर्ण सीख
By मेघना वर्मा | Published: December 5, 2019 11:41 AM2019-12-05T11:41:20+5:302019-12-05T15:41:57+5:30
महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश को गीता के रूप में जाना जाता है। सदियों से ये उपदेश जीवन को जीने का सलीका सिखाते चले आ रहे हैं। इन्हीं उपदेशों की महत्ता को बताने के लिए हर साल गीता जयंती मनाई जाती है।
हिन्दू शास्त्रों में गीता को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है। महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश को गीता के रूप में जाना जाता है। सदियों से ये उपदेश जीवन को जीने का सलीका सिखाते चले आ रहे हैं। इन्हीं उपदेशों की महत्ता को बताने के लिए हर साल गीता जयंती मनाई जाती है। इस साल यह गीता जयंती 8 दिसंबर को पड़ रही है।
इस दिन को मोक्षदा एकादशी के रूप में भी मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। मान्यता ये भी है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ती होती है। इस एकादशी को काफी महत्व दिया जाता है। हर महीने आने वाली दो एकादशी पर लोग भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और पूरे विधि विधान के साथ उनका पूजन करते हैं। इस एकादशी के दिन श्रीकृष्ण की पूजा भी की जाती है।
Mokshada Ekadashi 2019 Subh Muhurat: मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त
मोक्षदा एकादशी 2019 तिथि
8 दिसम्बर 2019
मोक्षदा एकादशी 2019 शुभ मुहूर्त
एकादशी प्रारंभ- 7 दिसम्बर 2019 सुबह 6 बजकर 34 मिनट से
एकादशी समाप्त- 8 दिसम्बर 2019 सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक
पारण का समय- 9 दिसम्बर 2019 सुबह 7 बजकर 6 मिनट से 9 बजकर 9 मिनट तक
श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया गीता का उपदेश
1. परिवर्तन संसार का नियम है। यहां सब बदलता है। इसीलिए सुख-दुख, लाभ-हानि, जय-परायज, मान-अपमान आदि में एक भाव रखकर स्थिर रहना चाहिए।
2. गए हुए कल और आने वाले कल की चिंता नहीं करना चाहिए, क्योंकि जो होना है वो होगा ही। जो होता है अच्छा होता है इसलिए अपने वर्तमान का आनंद लो।
3. अपने गुस्से पर काबू रखें। क्रोध से भ्रम पैदा होता और भ्रम से बुद्धि विचलित होती है। इससे स्मृति का नाथ होता है और इस प्रकार व्यक्ति का पतन होने लगता है। क्रोध, कामवासना और भय ये हमारे शत्रु है।
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि
1. एकादशी के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति को पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
2. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ- साथ भगवान श्री कृष्ण की भी पूजा जरूर कीजिए।
3. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और कथा पढ़ें।
4. सभी पूजा विधि संपन्न करने के बाद भगवान विष्णु की आरती उतारें।
5. मोक्षदा एकादशी के दिन भगवत गीता का भी पाठ करना चाहिए।