Five Famous Hanuman Temples: हनुमान के इन 5 मदिरों में दर्शन करने से हो जाता है सभी संकटों का मोचन, जानिए उनके बारे में

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 19, 2024 06:57 AM2024-03-19T06:57:20+5:302024-03-19T06:57:20+5:30

हिंदू पौराणिक कथाओं और धर्मग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार शक्ति और साहस के प्रतीक रूद्रवतार हनुमान की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।

Five Famous Hanuman Temples: By visiting these 5 temples of Hanuman, one can get relief from all troubles, know about them | Five Famous Hanuman Temples: हनुमान के इन 5 मदिरों में दर्शन करने से हो जाता है सभी संकटों का मोचन, जानिए उनके बारे में

फाइल फोटो

Highlightsहिंदू पौराणिक कथाओं और धर्मग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार हनुमान शक्ति और साहस के प्रतीक हैंकहा जाता है कि हनुमान का स्मरण करने मात्र से मनुष्य के सभी कष्टों का निवारण हो जाता हैसनातन मान्यता के अनुसार कलयुग में केवल हनुमान जी को ही अमरता का वरदान प्राप्त है

Five Famous Hanuman Temples: हिंदू पौराणिक कथाओं और धर्मग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार महावीर हनुमान शक्ति और साहस के प्रतीक हैं। कहा जाता है कि रूद्र के अवतार हनुमान की पूजा करने से भक्तों को साक्षात उनकी कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी सभी प्रकार के संकट का हरण करते हैं। इसलिए हनुमान का स्मरण करने मात्र से मनुष्य के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।

हिंदू सनातन मान्यता के अनुसार कलयुग में केवल हनुमान जी को ही अमरता का वरदान प्राप्त है। कहा जाता है कि बजरंगबली ही ऐसे साक्षात देवता हैं, जो आज भी पृथ्वी पर विचरण कर रहे हैं। इसलिए कलयुग में हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है।

पुराणों के अनुसार शिव जी ने ही रामकार्य हेतु गौतम कन्या अंजनी के उदर में रूद्र को  स्थापित किया और इस तरह अंजना की कोख से साक्षात शिव ने अतुलित बलशाली, प्रवीण बुद्धि, पराक्रम और तेज समेत वानर रूपी शरीर में जन्म लिया।

इसलिये हनुमान का नाम बजरंग बली और महापराक्रमी कपीश्वर रखा गया। हनुमान हमेशा रामकार्य में तत्पर रहने वाले रामदूत के नाम से विख्यात दैत्यों के संहारक और भक्तवत्सल है। ऐसे हनुमान जी का श्रद्धापूर्ण ध्यान करने, श्रवण करने से भक्तों को धन, कीर्ति और ऐश्वर्य मिलता है।

हनुमान जी को शंकरसुवन केसरी नंदन, पवन तनय, रूद्रावतार, एक मुखी, पंचमुखी, सप्तमुखी, अंजनी कुमार, वायुनंदन, आन्जनेय और शंकरसुवन आदि कई नामों से जाना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि जो मनुष्य भक्तिपूर्वक हनुमत वंदन करता है। वह सभी प्रकार के भोगों को भोग कर मोक्ष को प्राप्त करता है। भक्त को हनुमत कृपा से सभी प्रकार के दुखों, कष्टों, पीड़ाओं व व्याधियों से छुटकारा मिलता है और रोग, दोष, भूत, प्रेत, पिशाच आदि से मुक्ति प्राप्त होती है।

यहां हम हनुमान जी के उन 5 मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां हर मंगलवार और शनिवार को विशेषरूप से और सप्ताह के सातों दिन दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है। मान्यता है कि इन मंदिरों में भक्तों द्वारा दर्शन-पूजन करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

1. संकटमोचन, काशी

काशी के संकटमोचन हनुमान मंदिर की महत्ता विशेष मानी जाती है। यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। संकट मोचन का अर्थ है परेशानियों अथवा दुखों को हरने वाला। मान्यता है कि सन् 1631 से 1680 के बीच गोस्वामी तुलसीदास ने संकटमोचन मंदिर का निर्माण करवाया था।

संकट मोचन मंदिर में विराजित हनुमान जी की मूर्ति अत्यंत मनमोहक है। मूर्ति पर सिंदूर का लेप किया गया है। इसके अलावा मंदिर में भगवान राम की मूर्ति भी स्थापित की गई है, जो हनुमान जी की मूर्ति के ठीक सामने है। यहां पर हनुमानजी को प्रसाद के रूप में शुद्ध घी में बने बेसन के लड्डू चढ़ाने की परंपरा है।

2. लेटे हनुमान, प्रयागराज

प्रयागराज के बड़ा हनुमान मंदिर की महिमा अपरमपार मानी जाती है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है। प्रयागराज किले से सटे इस मंदिर में हनुमानजी की लेटी हुई प्रतिमा स्थापित है। पूरे भारत में यही एकमात्र मंदिर है, जहां हनुमानजी की प्रतिमा शयन मुद्रा में लेटी हुई है। लेटे हनुमान की प्रतिमा लगभग 20 फीट लंबी है। वर्षा के दिनों में जब संगम में बाढ़ आती है तो त्रिवेणी का जल स्वयं आकर लेटे हुए हनुमानजी का जलाभिषेक करता है।

3. बालाजी हनुमान, मेंहदीपुर

मेंहदीपुर में हनुमानजी बाला जी का नाम से भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं। यहां पर हनुमान जी के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना होती है। यह मंदिर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर गांव में है। बाला जी के दरबार में भूत -प्रेतादि बाधा से ग्रस्त व्यक्तियों का उपचार बिना किसी औषधि, मंत्र-यंत्रादि के चमत्कारिक ढंग से होता है। यहां आकर प्रसाद के रूप में अर्जी करते ही रोगी व्यक्ति का उपचार आरम्भ हो जाता है।

4. हनुमान धारा मंदिर, बांदा

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट नामक स्थान पर मौजूद इस मंदिर को सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। चित्रकूट के पर्वतमाला पर विराजमान हनुमान मंदिर स्थानीय लोगों के लिए बेहद ही पवित्र स्थल है। यहां हनुमान जी के ठीक बगल से हमेशा पानी बहता रहता है, जिसे लोग हनुमान धारा कहते हैं और इस जल को कई लोग प्रसाद के रूप में भी ग्रहण करते हैं।

5. महावीर हनुमान, पटना

पटना जंक्शन के ठीक सामने महावीर मंदिर के नाम से श्री हनुमान जी का मंदिर है। महावीर मंदिर की स्थापना 1730 में स्वामी बालानंद ने की थी। तब यह मंदिर बैलगाड़ी से चंदे में एक-एक ईंट एकत्र कर बना था। साल 1900 तक यह मंदिर रामानंद संप्रदाय के अधीन रहा। उसके बाद 1948 तक इस पर गोसांई संन्यासियों का कब्जा रहा। साल 1948 में पटना हाईकोर्ट ने इसे सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया।

उत्तर भारत में मां वैष्णों देवी मंदिर के बाद भक्तों से यहां सबसे ज्यादा चढ़ावा आता है। इस मंदिर के अन्तर्गत महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य हॉस्पिटल, महावीर आरोग्य हॉस्पिटल तथा अन्य बहुत से अनाथालय एवं अस्पताल चल रहे हैं। यहां हनुमानजी संकटमोचन रूप में विराजमान हैं।

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