Margashirsha Amavasya 2019: कल है मार्गशीर्ष अमावस्या, भूलकर भी ना करें ये 5 काम हो जाएगा कुछ अपशगुन
By मेघना वर्मा | Published: November 25, 2019 10:11 AM2019-11-25T10:11:49+5:302019-11-25T10:11:49+5:30
हिन्दू धर्म में अगहमन मान में ही भगवान कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था। जिसके कारण से इस माह की अमावस्या तिथि को अत्यधिक लाभकारी और पुण्य फलदायी माना जाता है।
हिन्दू धर्म में आमवस्या का विशेष महत्व होता है। अमावस्या हर महीने में एक बार आती है। खासकर अगहन मास में पड़ने वाली अमावस्या का काफी महत्व बताया जाता है। इस अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या भी कहते हैं। इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 26 नवंबर को पड़ रही है। माना जाता है कि इस दिन पितरों को याद करने के अलावा गंगा स्नान भी किया जाना चाहिए।
मार्गीशीर्ष एकादशी के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। हिन्दू धर्म में अगहमन मान में ही भगवान कृष्ण ने गीता का दिव्य ज्ञान दिया था। जिसके कारण से इस माह की अमावस्या तिथि को अत्यधिक लाभकारी और पुण्य फलदायी माना जाता है। इस दिन देवों से पहले पित्तरों की पूजा की जाती है। मगर कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
मार्गशीर्ष अमावस्या में ना करें ये 5 बड़ी भूल
1. ना करें ऐसा भोजन
मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा का सेवन कतई ना करें। इस दिन केवल सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दिन किसी भी जीव-हत्या को करना अशगुन माना जाता है। इससे आपका मन भी अशुद्ध हो जाता है।
2. ना खरीदें ऐसी चीजें
इस दिन भूलकर भी लोहे से बना कोई सामान, नमक, तेल या काली उड़द ना खरीदें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है। साथी पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी चीजें भी इस दिन नहीं खरीदना चाहिए।
3. पति-पत्नी ध्यान में रखें ये बात
शनिश्चरी अमावस्या पर स्त्री और पुरुष दोनों को यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए। गरुण पुराण के अनुसार अमावस्या पर यौन संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान का जीवन कष्ट से भर जाता है। इसलिए इस दिन यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए।
4. ऐसी जगहों पर जाने से बचें
अगहन मास की अमावस्या के दिन सुनसान जगह जैसे शमशान घाट या कब्रिस्तान में जाने से बचें। कोशिश करें कि आप उसके आस-पास भी ना जाएं। ऐसा करने से बुरी शक्तियां सक्रिय हो जाती हैं।
5. नहाने के पानी में डालें ये एक चीज
अमावस्या के दिन सुबह देर तक ना सोते रहें। जल्दी उठें और अपने नहाने के पानी में काले तिक जरूर डालें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें साथ ही पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ करें।