Dhanteras 2019: जब देवताओं ने मनाया धनतेरस, जानें राजा बलि और वामन अवतार इस त्योहार का कनेक्शन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 18, 2019 05:53 PM2019-10-18T17:53:13+5:302019-10-18T17:53:13+5:30

देवताओं के डॉक्टर और औषधियों के जनक भगवान धन्वंतरी की जयंती और यमराज की पूजा के अलावा भी धनतेरस की एक कथा प्रचलित है। इसका सीधा संबंध महान दैत्यराज बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार से है।

Dhanteras 2019: King Bali and Vamana Avatar Connection of this auspicious day | Dhanteras 2019: जब देवताओं ने मनाया धनतेरस, जानें राजा बलि और वामन अवतार इस त्योहार का कनेक्शन

टीवी सीरियल में बलि का पात्र। (Screen Grab: YouTube/ram Club)

देवताओं के डॉक्टर और औषधियों के जनक भगवान धन्वंतरी की जयंती और यमराज की पूजा के अलावा भी धनतेरस की एक कथा प्रचलित है। इसका सीधा संबंध महान दैत्यराज बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार से है। कथा कुछ इस प्रकार है कि समुंद्र मंथन से मिले रत्नों को हासिल करने को लेकर देवताओं और असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया, जिसे देवासुर संग्राम कहा जाता है।

देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाबलीपुर के राजा बलि पर अपने सबसे शक्तिशाली हथियार वज्र से प्रहार किया जिससे उसकी मृत्यु हो गई लेकिन दैत्यगुरु शुक्राचार्य ने मंत्रों की शक्ति से उसे फिर से जीवित कर दिया। इस बार बलि और भी बलवान होकर आया। बलि ने विश्वजीत और अश्वमेघ यज्ञ किए और स्वर्ग जीत लिया। देवताओं का सारा राज्य, धन-वैभव संपदा सब बलि के अधीन हो गई। शुक्राचार्य ने बलि से सौ यज्ञ संपन्न करने के लिए कहा था, सौवें यज्ञ के बाद अनंतकाल के लिए स्वर्ग उसके पास रहता। देवताओं की हालत पर तरस खाकर भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि से दान मांगा। 

दैत्यगुरु शुक्राचार्य भांप गए थे के वामन के रूम में खुद भगवान विष्णु बलि से दाम मांगने आए हैं। उन्होंने बलि को सावधान किया। बलि को महान दानवीर को तौर पर भी जाना जाता था तो वह अपने वामन भगवान को दान देने का वादा कर चुका था। वह अपने वादे से मुकरना नहीं चाहता था। 

अपना संकल्प पूरा करने के लिए बलि ने कमंडल से जल हथेली पर लेना चाहा। इस पर दैत्यगुरु शुक्राचार्य ने छोटा से रूप धर लिया और कमंडल में जलनिकासी के द्वारा में घुस गए ताकि पानी बाहर न आ सके। इस पर भगवान वामन ने हाथ में लिए कुशा को कमंडल में इस तरह रखा कि शुक्राचार्य की एक आंख फूट गई और वह तड़पड़ाकर बाहर आ गए।  

राजा बलि ने कमंडल से जल हाथ में लेकर संकल्प किया। भगवान वामन ने बलि से तीन पग भूमि मांगी थी। भगवान वामन ने एक पग भूमि से पूरी धरती को नाप लिया। दूसरे पग से पूरे अंतरिक्ष का नाप लिया। तीसरे पग के लिए जगह नहीं बची तो बलि ने अपना सिर आगे कर दिया। इस तरह बलि के पास जो कुछ था, वह गंवा बैठा। देवताओं को एक बार फिर उनका खोया स्वर्ग सारा धन मिल गया। जिस दिन यह घटना घटी, वह कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि थी। राजपाट धन वैभव फिर से पाकर देवताओं ने धनतेरस मनाया। तब से यह त्योहार मनाया जाता है।

English summary :
Apart from the birth anniversary of Lord Dhanvantari, the doctor of gods and the father of medicines, and the worship of Yamraj, there is a legend of Dhanteras. It is directly related to the great demon king Bali and the Vamana avatar of Lord Vishnu.


Web Title: Dhanteras 2019: King Bali and Vamana Avatar Connection of this auspicious day

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