Chitragupta Puja 2019:चित्रगुप्त पूजा आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पढ़ें चित्रगुप्त महाराज की आरती

By मेघना वर्मा | Published: October 29, 2019 07:17 AM2019-10-29T07:17:57+5:302019-10-29T07:17:57+5:30

भगवान चित्रगुप्त को भगवान ब्रह्मा का मानस पुत्र भी कहा जाता है। भगवान चित्रगुप्त सभी प्राणियों के पाप और पुण्यकर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं।

Chitragupta Puja 2019: Chitragupta maharaj ki aarti, Puja vidhi, shubh muhurt, Importance and significance | Chitragupta Puja 2019:चित्रगुप्त पूजा आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पढ़ें चित्रगुप्त महाराज की आरती

Chitragupta Puja 2019:चित्रगुप्त पूजा आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और पढ़ें चित्रगुप्त महाराज की आरती

Highlightsदेश भर में आज महाराजा चित्रगुप्त की पूजा की जा रही है।भगवान चित्रगुप्त सभी प्राणियों के पाप और पुण्यकर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं।

देश भर में आज महाराजा चित्रगुप्त की पूजा की जा रही है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के द्वितीया यानी यम द्वितीया (भाई दूज) को चित्रगुप्त जयंती मनाई जाती है। जिसे चित्रगुप्त पूजा भी कहते हैं। विशेषकर कायस्थ समाज चित्रगुप्त जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाता है। इस दिन धर्मराज और मृत्यु के देवता यमराज के सहायक के तौर पर जाना जाता है। 

भगवान चित्रगुप्त को भगवान ब्रह्मा का मानस पुत्र भी कहा जाता है। भगवान चित्रगुप्त सभी प्राणियों के पाप और पुण्यकर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। आदमी का भाग्य लिखने का काम यही करते हैं। हर साल पूरे उल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है। लोग विधि-विधान से चित्रगुप्त भगवान की पूजा करते हैं। पूजा के बाद उनकी महाआरती करना भी शुभ होता है-

चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त

तिथि- 29 अक्टूबर
चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त
चित्रगुप्त पूजा दोपहर का मुहूर्त- 01:11 PM से 03:25 तक
द्वितीया तिथि शुरू- सुबह 6 बजकर 13 मिनट से
द्वितीया तिथि समाप्त- सुबह 3 बजकर 48 मिनट तक

पढ़ें चित्रगुप्त महराज की आरती

श्री चित्रगुप्त जी की आरती
ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे।
भक्त जनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

विघ्न विनाशक मंगलकर्ता, सन्तन सुखदायी।
भक्तन के प्रतिपालक, त्रिभुवन यश छायी॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

रूप चतुर्भुज, श्यामल मूरति, पीताम्बर राजै।
मातु इरावती, दक्षिणा, वाम अङ्ग साजै॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

कष्ट निवारण, दुष्ट संहारण, प्रभु अन्तर्यामी।
सृष्टि संहारण, जन दु:ख हारण, प्रकट हुये स्वामी॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

कलम, दवात, शङ्ख, पत्रिका, कर में अति सोहै।
वैजयन्ती वनमाला, त्रिभुवन मन मोहै॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

सिंहासन का कार्य सम्भाला, ब्रह्मा हर्षाये।
तैंतीस कोटि देवता, चरणन में धाये॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

नृपति सौदास, भीष्म पितामह, याद तुम्हें कीन्हा।
वेगि विलम्ब न लायो, इच्छित फल दीन्हा॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

दारा, सुत, भगिनी, सब अपने स्वास्थ के कर्ता।
जाऊँ कहाँ शरण में किसकी, तुम तज मैं भर्ता॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

बन्धु, पिता तुम स्वामी, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

जो जन चित्रगुप्त जी की आरती, प्रेम सहित गावैं।
चौरासी से निश्चित छूटैं, इच्छित फल पावैं॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

न्यायाधीश बैकुण्ठ निवासी, पाप पुण्य लिखते।
हम हैं शरण तिहारी, आस न दूजी करते॥
ॐ जय चित्रगुप्त हरे...॥

Web Title: Chitragupta Puja 2019: Chitragupta maharaj ki aarti, Puja vidhi, shubh muhurt, Importance and significance

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