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छठ पूजा 2018: : नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व आज से शुरू, सोमवार को खरना

By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: November 11, 2018 05:55 IST

Chhath Puja Nahaye Khaye: नहाय-खाय के साथ ही आज से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में धूम धाम से मनाया जाने वाला महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो गई है।

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नहाय-खाय के साथ ही आज से  पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में धूम धाम से मनाया जाने वाला महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो गई है। रविवार सुबह व्रती महिलाएं पूजा के बाद नहाय-खाय की विधि करेंगी। इस दौरान वह चावल, चने की दाल व लौकी की सब्जी ग्रहण करेंगी।

 साथ ही खरना की तैयारी भी शुरू कर देंगी। खरना सोमवार को है। इस दिन गुड़ व चावल की विशेष खीर बनाई जाती है। व्रती के खाने के बाद इसे लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

नहाय-खाय वाले दिन से छठ पर्व की शुरुआत

घरों में छठ पर्व को लेकर उल्लास का माहौल है। जगह-जगह छठ मइया के गीत बज रहे हैं। नहाय-खाय के लिए महिलाओं ने बाजार से पूरी खरीदारी भी कर ली है। नहाय-खाय वाले दिन से छठ पर्व की शुरुआत मानी जाती है। दूसरे दिन खरना होता है। तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य और चौथे दिन उदय होते ही सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही पर्व का समापन हो जाता है।

छठ पूजा को मुख्य रूप से बिहार के लोग ही मनाते हैं। बिहार के बाद पड़ोसी देश नेपाल में भी यह पर्व बड़े आयोजन के साथ मनाया जाता है। धीरे धीरे इस पर्व की प्रसिद्धि के साथ यह पर्व उत्तर भारत के कई राज्यों में मनाया जा रहा है। छठ पूजा में सूर्य देव, छठ मैया और पवित्र नदियों का विशेष महत्व होता है।

छठ पूजा 2018 तिथि

पहला दिन11 नवंबर, दिन रविवार को छठ पूजा का प्रथम दिन है जिसे नहाय खाय के नाम से जानते हैंसूर्योदय: 06:44सूर्यास्त: 18:01इस दिन से छठ पूजा का पर्व प्रारंभ हो जाता है

दूसरा दिन12 नवंबर, दिन सोमवार को छठ पूजा का दूसरे दिन है जिसे 'खारना' के नाम से जाना जाता है। इसदिन सूर्योदय से सूर्यास्त लेकर सूर्यास्त तक अन्न और जल दोनों का त्याग करके उपवास किया जाता है।सूर्योदय: 06:44सूर्यास्त: 18:01दूसरे दिन के अंत में खीर और रोटी का प्रसाद बनाया जाता है। इसे व्रत करने वाले से लेकर परिवार के सभी लोगों में बांटा जाता है। रात में चांद को जल भी दिया जाता है।

तीसरा दिनतीसरे दिन (13 नवंबर) को संध्या समय में सूर्य देवता को पहला अर्घ्य दिया जाता है। इसदिन भी पूरे दिन का उपवास किया जाता है।सूर्योदय: 06:45सूर्यास्त: 18:01तीसरे दिन शाम को सूर्यास्त से पहले सूर्य देवता को छठ पूजा का पहला अर्घ्य दिया जाता है।

चौथा दिनयह छठ पूजा का अंतिम दिना होता है। 14 नवंबर, दिन बुधवार की सुबह सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाएगा। यह छठ पूजा का दूसरा अर्घ्य होता है जिसके बाद 36 घंटे के लंबे उपवास का समापन हो जाता है।सूर्योदय: 06:45सूर्यास्त: 18:00

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