Chanakya Niti: चाणक्य की इन 6 बातों को अपनाकर आप सीख जाएंगे दुनिया को जी‍तने की कला

By गुणातीत ओझा | Published: November 5, 2020 07:28 PM2020-11-05T19:28:20+5:302020-11-05T19:32:17+5:30

अर्थशास्त्री और नीति शास्त्र के महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बातों का उल्लेख किया है जिनका पालन करके मनुष्य सफल एवं सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है।

Chanakya Niti- By adopting these 6 things of Chanakya you will learn the art of winning the world | Chanakya Niti: चाणक्य की इन 6 बातों को अपनाकर आप सीख जाएंगे दुनिया को जी‍तने की कला

चाणक्य नीति से जानें जीवन में सफलता पाने के लिए क्या है जरूरी।

Highlightsमेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता।मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता।

Chanakya Niti Hindi: अर्थशास्त्री और नीति शास्त्र के महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बातों का उल्लेख किया है जिनका पालन करके मनुष्य सफल एवं सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है। चाणक्य के मुताबिक कोई व्यक्ति जब गलत रास्ते पर निकल जाता है या गलत बातों का अनुसरण करता है तो सफलता उससे दूर भागती है। आइये आपको चाणक्य की ऐसी महत्वपूर्ण नीतियों के बारे में बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप दुनिया की कोई भी मंजिल हासिल कर सकते हैं।

1. मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता।

2. संसार एक कड़वा वृक्ष है, जिसके दो फल ही मीठे होते हैं- एक मधुर वाणी और दूसरा सज्जनों की संगति।

3. ब्राह्मणों का बल विद्या है, राजाओं का बल उनकी सेना है, वैश्यों का बल उनका धन है और शूद्रों का बल दूसरों की सेवा करना है। ब्राह्मणों का कर्तव्य है कि वे विद्या ग्रहण करें। राजा का कर्तव्य है कि वे सैनिकों द्वारा अपने बल को बढ़ाते रहें। वैश्यों का कर्तव्य है कि वे व्यापार द्वारा धन बढ़ाएं, शूद्रों का कर्तव्य श्रेष्ठ लोगों की सेवा करना है।

4. जिस व्यक्ति का पुत्र उसके नियंत्रण में रहता है, जिसकी पत्नी आज्ञा के अनुसार आचरण करती है और जो व्यक्ति अपने कमाए धन से पूरी तरह संतुष्ट रहता है। ऐसे मनुष्य के लिए यह संसार ही स्वर्ग के समान है।

5. वही गृहस्थी सुखी है, जिसकी संतान उनकी आज्ञा का पालन करती है। पिता का भी कर्तव्य है कि वह पुत्रों का पालन-पोषण अच्छी तरह से करें। इसी प्रकार ऐसे व्यक्ति को मित्र नहीं कहा जा सकता है, जिस पर विश्वास नहीं किया जा सके और ऐसी पत्नी व्यर्थ है जिससे किसी प्रकार का सुख प्राप्त न हो।

6. जो मित्र आपके सामने चिकनी-चुपड़ी बातें करता हो और पीठ पीछे आपके कार्य को बिगाड़ देता हो, उसे त्याग देने में ही भलाई है। चाणक्य कहते हैं कि वह मित्र उस बर्तन के समान है, जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा है परंतु अंदर विष भरा हुआ होता है।

Web Title: Chanakya Niti- By adopting these 6 things of Chanakya you will learn the art of winning the world

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