चैत्र नवरात्रि के 8वें दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा का विधान है। नवरात्रि का आठवां दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी भी कहते हैं। इस बार महाष्टमी तिथि 09 अप्रैल, शनिवार को है। इस दिन कन्या पूजन का विधान होता है। लोग अपने घरों में 9 कन्याओं के साथ एक कंजक को भी पूजते हैं। उन्हें सादर आमंत्रित करके भोजन कराया जाता है और दान-दक्षिणा देकर विदा किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मां महागौरी की विधिवत पूजा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और कन्या पूजन से भक्तों की कामनाएं पूर्ण होती हैं।
महागौरी का स्वरूप
मां महागौरी का रंग पूर्णता गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। इनका ऊपरी दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है और निचले हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू जबकि नीचे वाला हाथ शांत मुद्रा में है।
मां महागौरी पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें।मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें।मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें। मां को रोली कुमकुम लगाएं। मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें।मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं।मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें।मां की आरती भी करें।इस दिन कन्या पूजन भी करें।
महागौरी स्तोत्र
सर्वसंकट हंत्रीत्वंहिधन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।ज्ञानदाचतुर्वेदमयी,महागौरीप्रणमाम्यहम्॥सुख शांति दात्री, धन धान्य प्रदायनीम्।
महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया ।जय उमा भवानी जय महामाया ॥हरिद्वार कनखल के पासा ।महागौरी तेरा वहा निवास ॥चंदेर्काली और ममता अम्बेजय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥भीमा देवी विमला माताकोशकी देवी जग विखियाता ॥हिमाचल के घर गोरी रूप तेरामहाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥सती 'सत' हवं कुंड मै था जलायाउसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥बना धर्म सिंह जो सवारी मै आयातो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥तभी मां ने महागौरी नाम पायाशरण आने वाले का संकट मिटाया ॥शनिवार को तेरी पूजा जो करतामाँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे होमहागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥