Bhai Dooj 2019: यम द्वितीया की पौराणिक कथा, जानिए कैसे शुरू हुआ भाई दूज का पवित्र पर्व

By मेघना वर्मा | Published: October 22, 2019 06:59 AM2019-10-22T06:59:44+5:302019-10-29T08:21:13+5:30

Bhai Dooj Katha in Hindi: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथी को मनाए जाने वाले इस त्योहार का इंतजार भाई-बहनों को साल भर रहता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है।

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Bhai Dooj 2019: यम द्वितीया की पौराणिक कथा, जानिए कैसे शुरू हुआ भाई दूज का पवित्र पर्व

Highlightsइस साल भाई दूज का पर्व 29 अक्टूबर को पड़ रहा है।इसे यम द्वितीया भी कहते हैं।

भाई-बहनों के प्यार और स्नेह को दिखाने वाला त्योहारभाई दूज इस साल 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथी को मनाए जाने वाले इस त्योहार का इंतजार भाई-बहनों को साल भर रहता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहन भाई के माथे पर टीका काढ़ती है। 

दिवाली के दो दिन बाद आने वाला ये एक ऐसा उत्सव है जो भाई बहन के अपार प्रेम और स्नेह को दिखाता है। इस दिन हर बहन अपने भाई की खुशहाली की कामना करते हैं। यम द्वितीया की पौराणिक कहानी भी काफी लोकप्रिय है। आइए आपको बताते हैं क्या है भाई दूज की कहानी-

सूर्य की पत्नी संज्ञा की दो बच्चे थे। उनके पुत्र का नाम यमराज था और पुत्री का नाम यमुना। संज्ञा अपने पति सूर्य देवता की उद्दीप्त किरणों को सहन नहीं कर सकने के कारण उत्तरी ध्रुव में छाया बनकर रहने लगी। इसी से ताप्ती नदी तथा शनिच्चर का जन्म हुआ। इसी छाया से सदा युवा रहने वाले अश्विनी कुमारों को भी जन्म हुआ है।

जो देवताओं के वैद्य माने जाते हैं। उत्तरी ध्रुव में बसने की वजह से यम और यमराज के व्यवहार में काफी अंतर आ गया था। यम को अपनी नगरी यमपरी बसाई। जहां वह पापियों को दंड देता था। वहीं उसे देखकर यमुना दुखी होती थी। इसीलिए यमुना गोलोक चली गई।

समय बीता और सालों बाद यम को यमुना की याद आई। यम ने अपने दूतों से यमुना का पता लगाने को कहा। मगर वह कहीं मिली नहीं। जब स्वंय यम गोलोक गया तो उनकी मुलाकात यमुनाजी से हुई। सालों बाद यम से मिलकर यमुना बहुत खुश हुई। यमुना ने भाई का स्वागत किया और स्वादिष्ट भोजन करवाया। भाई यम ने प्रसन्न होकर बहन से वरदान मांगने को कहा।

तब यमुना ने वर मांगा कि हे भईया, जो भी लोग मरे वो यमुना के जल में स्नान करें और वह यमपुरी ना जाएं। यमुना के इस वरदान पर यम ने तथास्तु बोल दिया। तब से इस भाई दूज या यमद्वितीया की मान्यता काफी ज्यादा है। इस दिन को तभी से मनाया जाता है।

English summary :
Bhai Dooj festival which celebrate after two days after Diwali which shows the immense love relation of siblings. On this day, every sister wishes her brother happiness. The mythological story of Yama Dwitiya is also very popular. Let us tell you what is the story of Bhai Dooj


Web Title: Bhai Dooj 2019 date Bhai Dooj kab hai Bhai Dooj vrat Katha story in hindi

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