लाइव न्यूज़ :

Eid Ul Adha 2019: बकरीद आज, जानिए क्यों दी जाती है बकरे की कुर्बानी व महत्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 12, 2019 07:05 IST

बकरीद के मौके पर कुर्बानी की देने की परंपरा पैगंबर हजरत इब्राहिम से शुरू हुई। कहते हैं कि एक दिन उनके ख्वाब में आकर अल्लाह ने उनसे उनकी सबसे पसंदीदा चीज की कुर्बानी मांगी।

Open in App

आज (12 अगस्त) ईद-उल-अजहा यानी बकरीद है। इस्लाम धर्म में इस त्योहार का बहुत महत्व है। इस त्योहार को ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाता है। यह त्योहार हर साल इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार जु अल-हज्जा महीने के 10वें दिन मनाया जाता है। इसे मुसलमानों के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक माना जाता है। बकरीद के दिन जानवरों की कुर्बानी की परंपरा है। मुसलमान इस दिन अल सुबह की नमाज पढ़ते हैं और फिर खुदा की इबादत में चौपाया जानवरों की कुर्बानी देते हैं।

बकरीद के मौके पर कुर्बानी की देने की परंपरा पैगंबर हजरत इब्राहिम से शुरू हुई। कहते हैं कि एक दिन उनके ख्वाब में आकर अल्लाह ने उनसे उनकी सबसे पसंदीदा चीज की कुर्बानी मांगी। हजरत इब्राहिम ऐसे में अपने बेटे की कुर्बानी देने को तैयार हो गए। इसके बाद इब्राहिम ने बेटे की कुर्बानी देने के समय अपने आंखों पर पट्टी बांध ली ताकि उन्हें दुख न हो। कुर्बानी के बाद जैसे ही उन्होंने अपनी पट्टी खोली, अपने बेटे को उन्होंने सही-सलामत सामने खड़ा पाया। दरअसल, अल्लाह ने चमत्कार किया था।

Bakrid 2019: बकरीद पर कैसे बकरों की दें कुर्बानी और क्या है रिवाज?

- बकरीद के मौके पर हमेशा वैसे जानवरों की कुर्बानी दी जानी चाहिए जो पूरी तरह स्वस्थ हो। किसी बीमार या कमजोर दिख रहे बकरे की कुर्बानी नहीं दी जानी चाहिए।

- जिन घरों में बकरे का पालन होता है, वे अपने सबसे प्रिय बकरे की कुर्बानी देते हैं। यह अल्लाह के प्रति भरोसा और समर्पण दिखाने का एक तरीका है। वहीं, जिन घरों में बकरे या जानवर नहीं पाले जाते हैं, वहां उन्हें कुछ दिन पहले खरीद लिया जाता है। उसकी अच्छे से देखभाल की जाती है। इसके पीछे कारण है कि कुछ दिन साथ रहने से उसके साथ लगाव हो जाए और फिर उसकी कुर्बानी दी जाए। 

- बकरीद के दिन अल सुबह की नमाज के बाद बकरे की कुर्बानी दी जानी चाहिए।

- बकरे की कुर्बानी के बाद उसके गोस्त को तीन भागों में बाटने की परंपरा है। गोस्त का एक भाग गरीबों को दिया जाता है। दूसरा भाग रिश्तेदारों में बांटा जाना चाहिए जबकि तीसरे भाग को अपने परिवार के लिए रखा जाता है।

टॅग्स :बक़रीद
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटVIDEO: क्रिकेटर आवेश खान ने बकरीद के लिए खरीदे 3 बकरे, सोशल मीडिया पर हुई कड़ी आलोचना

भारतEid-ul-Adha 2025: पीएम मोदी ने दी ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद, बोले- "यह शांति, सद्भाव को मजबूत करने का मौका"

विश्वBakrid 2025: पाकिस्तान में ‘अहमदिया मुसलमानों’ पर पशु बलि देने और नमाज़ अदा करने पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना

भारतदिल्ली में बकरीद पर गाय-ऊंट की कुर्बानी पर लगी रोक, सरकार ने जारी की सख्त एडवाइजरी

पूजा पाठEid-Ul Adha 2025 Date in India: ईद-उल-अज़हा का चांद नज़र आया, मुस्लिम धर्मगुरु बोले- इस दिन मनाएंगे बकरीद

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार