Anant Chaturdashi 2024 Date: अनंत चतुर्दशी 16 या 17 सितंबर को? जानें सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
By रुस्तम राणा | Updated: September 13, 2024 14:09 IST2024-09-13T14:09:10+5:302024-09-13T14:09:10+5:30
Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी के दिन भक्त श्रीहरि की पूजा करते हैं इसके बाद पुरुष दाएं जबकि स्त्रियां बाएं हाथ में 'अनंत धागा' धारण करती है।

Anant Chaturdashi 2024 Date: अनंत चतुर्दशी 16 या 17 सितंबर को? जानें सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी पर्व हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। इसे प्रति वर्ष भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन भक्त श्रीहरि की पूजा करते हैं इसके बाद पुरुष दाएं जबकि स्त्रियां बाएं हाथ में 'अनंत धागा' धारण करती है।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने के लिए यह तिथि विशेष उत्तम फलदायी बताई गई है। धार्मिक मान्यता है कि जो कोई भक्त अनंत चतुर्दशी के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इसके अलावा अनंत चौदस के दिन ही गणेश विसर्जन किया जाता है।
कब है अनंत चतुर्दशी 2024?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, 16 सितंबर को अपराह्न 03 बजकर 10 मिनट से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी, जो 17 सितंबर पूर्वाह्न 11 बजकर 44 मिनट में समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पर्व 17 सितंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा।
अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त
लाभ चौघड़िया - सुबह 10 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 15 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 19 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त - पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक
अनंत चतुर्दशी व्रत विधि
इस दिन व्रती को तड़के उठने के बाद स्नान आदि कर कलश स्थापित करना चाहिए।
भगवान विष्णु की तस्वीर लगाएं और अनंत धागे को भी रखें।
इसके बाद विधिवत पूजा करें और अनंत व्रत की कथा पढ़ें या इसका श्रवण करें।
पूजन में रोली, चंदन, अगर, धूप, दीप और नैवेद्य का जरूर इस्तेमाल करें।
पूजा के बाद अनंत सूत्र को अपने हाथों में बांधना चाहिए और प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
ध्यान रखने योग्य बातें
अनंत राखी के समान ही एक धागा होता है जिनमें 14 गांठे होती हैं। इसलिए अनंत धागे को बाजार से खरीदते वक्त उसे जरूर गिन लें कि उसमें 14 गांठे हैं या नहीं। यह एक ऐसा व्रत है और इसे घर या मंदिर में ही किया जाता है।