पूरे देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के आ रहे मामलों के बीच अयोध्या में राम नवमी की तैयारी भी जारी है। इस बार राम नवमी का त्योहार अयोध्या के लिए खास होने जा रहा है। ऐसे में संभावना है कि लाखों लोग इस मौके पर जुट सकते हैं।
ऐसे में सुरक्षित राम नवमी के मेले का आयोजन प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। इस बार अयोध्या की राम नवमी इसलिए खास होगी क्योंकि इस मौके पर रामलला गर्भगृह के टेंट से निकलकर फाइबर के बने मेकशिफ्ट मंदिर में विराजेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मामले में फैसले के बाद ये पहली रामनवमी भी है।
चीफ मेडिकल ऑफिसर की 'चेतावनी'
राम नवमी का मेला अयोध्या में 25 मार्च से 2 अप्रैल के बीच आोजित होने जा रहा है। अयोध्या के चीफ मेडिकल ऑफिसर पहले ही कोरोना के खतरे को देखते हुए इस आयोजन को टालने की अपील कर चुके हैं। हालांकि, प्रशासन फिलहाल इसे टालने के मूड में नहीं है। सरकार और प्रशासन इस कोशिश में जुटी है कि रामनवमी के दिन जुटने वाली भीड़ को कम किया जा सके।
हालांकि, इसमें प्रशासन कितना सफल होगा ये अभी कहना मुश्किल है। रिपोर्ट्स के अनुसार अयोध्या आने वालों की तादाद बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रामनवमी के दिन रामलला का प्रसारण दूरदर्शन से कराने की भी चल रही है। इससे भीड़ कम करने में मदद मिलेगी। ऐसा होता है तो ये भी खास होगा क्योंकि अब तक रामलला की तस्वीर खींचने की मनाही थी।
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि यानी 25 मार्च को चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इसी दिन से राम नवमी मेले की भी शुरुआत होगी। राम नवमी का त्योहार 2 अप्रैल को मनाया जाएगा।