Amalaki Ekadashi 2024 Date: आमलकी एकादशी व्रत कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: March 17, 2024 05:21 PM2024-03-17T17:21:24+5:302024-03-17T17:21:32+5:30

Amalaki Ekadashi 2024 Vrat: हिन्दू धर्म में आमलकी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु जी की आराधना के साथ-साथ आंवला के वृक्ष की भी पूजा की जाती है।

Amalaki Ekadashi 2024 Date When is Amalaki Ekadashi fast, know date, auspicious time, worship method and importance | Amalaki Ekadashi 2024 Date: आमलकी एकादशी व्रत कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Amalaki Ekadashi 2024 Date: आमलकी एकादशी व्रत कब है, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Amalaki Ekadashi 2024 Date: इस बार आमलकी एकादशी व्रत 20 मार्च, बुधवार को रखा जाएगा। हिन्दू धर्म में आमलकी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु जी की आराधना के साथ-साथ आंवला के वृक्ष की भी पूजा की जाती है। फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को शास्त्रों में आंवला एकादशी भी कहते हैं। यह एकादशी होली से ठीक पहले आती है। इसलिए इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त आमलकी एकादशी के दिन विधि पूर्वक व्रत रखकर भगवान श्री हरि विष्णु और आंवला की पूजा करते हैं उनकी समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और अंत में उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। 

आमलकी एकादशी मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ - 20 मार्च को 12:21 बजे शुरू
एकादशी तिथि समाप्त - 20 मार्च को 12:21 बजे शुरू
पूजा का समय -  सुबह 6:25 बजे से 9:27 बजे तक 
व्रत का पारण - 21 मार्च को दोपहर 01:41 बजे से शाम 04:07 बजे के बीच

आमलकी एकादशी व्रत विधि

सुबह जल्दी उठकर गंगा जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करें। 
अब पूजन सामग्री लेकर आंवले के वृक्ष की पूजा करें। 
वृक्ष के चारों की भूमि को साफ करें और उसे गाय के गोबर से पवित्र करें।
पेड़ की जड़ में एक वेदी बनाकर उस पर कलश स्थापित करें। 
इस कलश में देवताओं, तीर्थों एवं सागर को आमंत्रित करें।
कलश में सुगंधी और पंच रत्न रखें। इसके ऊपर पंच पल्लव रखें फिर दीप जलाकर रखें। 
कलश पर श्रीखंड चंदन का लेप करें और वस्त्र पहनाएं।  
अंत में कलश के ऊपर श्री विष्णु के छठे अवतार परशुराम की स्वर्ण मूर्ति स्थापित करें
विधिवत रूप से परशुरामजी की पूजा करें।  
रात्रि में भगवत कथा व भजन-कीर्तन करते हुए प्रभु का स्मरण करें। 
द्वादशी के दिन व्रत पारण के पश्चात अन्न जल ग्रहण करें।  

आमलकी एकादशी व्रत का महत्व

पौराणिक शास्त्रों में आंवला वृक्ष भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है। मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवला और श्री हरि की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और शत्रुओं के भय से मुक्ति मिलती है धन-संपत्ति पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। हर एकादशी तिथि की तरह आमलकी एकादशी के दिन चालव का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि इस दिन दान-पुण्य के कार्य करने चाहिए। 

Web Title: Amalaki Ekadashi 2024 Date When is Amalaki Ekadashi fast, know date, auspicious time, worship method and importance

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