3th Day of Chhath Puja: आज दिया जाएगा डूबते सूरज को अर्घ्य, जानिए शुभ मुहूर्त
By धीरज मिश्रा | Published: November 19, 2023 06:40 AM2023-11-19T06:40:50+5:302023-11-19T06:40:50+5:30
Chhath Puja 2023: आस्था का महापर्व छठपूजा आरंभ हो चुका है और शनिवार को व्रती महिलाओं ने खरना किया। शाम को खरना कर पारण किया गया। इसके बाद परिवार व पड़ोस के लोगों में प्रसाद बांटा गया। इस दौरान परिवार के लोगों के अलावा अन्य ने व्रती महिलाओं के पैर छूएं और बेहतर जीवन के लिए आशीर्वाद मांगा।
Chhath Puja 2023: आस्था का महापर्व छठपूजा आरंभ हो चुका है और शनिवार को व्रती महिलाओं ने खरना किया। शाम को खरना कर पारण किया गया। इसके बाद परिवार व पड़ोस के लोगों में प्रसाद बांटा गया। इस दौरान परिवार के लोगों के अलावा अन्य ने व्रती महिलाओं के पैर छूएं और बेहतर जीवन के लिए आशीर्वाद मांगा। यहां बताते चले कि छठपूजा के दूसरे दिन व्रती महिलाओं के द्वारा खरना करने के बाद से निर्जल व्रत भी आरंभ हो गया है।
Sharda Sinha ‘s songs add to the beauty of divine festival , Chhath puja 🤌🏾❤️ pic.twitter.com/CqmX8Q2R9I
— Bihar_se_hai (@Bihar_se_hai) November 15, 2023
यह व्रत सोमवार सुबह तक चलेगा। आइए जानते हैं कि छठ पूजा के तीसरे दिन क्या होगा। इसके क्या क्या नियम हैं। छठ घाट पर जाने के दौरान किन किन सावधानियों का बरतनी चाहिए।
तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य
छठपूजा के तीसरे दिन शाम चार बजे छठ घाट पर लोगों के आने का सिलसिला शुरु हो जाएगा। यहां पर व्रती महिलाएं जल में डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देंगी। इसके बाद छट घाट से वापिस घर लौटेंगी। हालांकि, इस दौरान उनका निर्जल व्रत जारी रहेगा। तीसरे दिन छठ घाट पर जाने से पहले व्रती महिलाएं सुबह उठकर स्नान कर ठेकुआ, पेड़ा सहित अन्य मिष्ठान बनाएंगी। इस दौरान, परिवार के अन्य लोग भी मदद करेंगे। इस दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
पूत्र के लिए होता है व्रत
चार दिनों तक चलने वाले इस महा पर्व को करने के पीछे मान्यता है कि महिलाएं अपने बच्चों की लंबी आयु उनके स्वास्थ्य के लिए यह व्रत करती हैं। यह 36 घंटे तक निर्जल व्रत चलता है। पहला दिन नहाय-खाय के साथ शुरू होता है दूसरे दिन खरना और इसके बाद पारण होता है। छठ पूजा कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाता है। बिहार-यूपी में लोग इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
बांस की टोकरी में सूप सजाया जाता है
घाट पर जाने के लिए घर पर व्रती के द्वारा बांस की टोकरी में सूप सजाती हैं। इस टोकरी में फलों के साथ मिष्ठान रहता है। छठ घाट पर पहुंचकर इसे रखा जाता है। इसके बाद व्रती पानी में डूबते हुए सूरज को ठेकुआ, फल, जल के साथ अर्घ्य देती हैं। इसके बाद सभी सामान को फिर से बांस की टोकरी में रखकर घर वापिस लाया जाता है। तीसरे दिन 5 बजकर 26 मिनट पर सूर्यास्त होगा।