Rose Day 2018: जानिए अपने वेलेंटाइन को क्यों देते हैं लाल गुलाब, प्यार से है इसका पुराना रिश्ता
By मेघना वर्मा | Published: February 7, 2018 10:32 AM2018-02-07T10:32:44+5:302018-02-07T17:48:59+5:30
लाल रंग के गुलाब को सभी रंगों के गुलाब में सबसे पसंद किया जाता है। इसके पीछे सिर्फ उसकी खूबसूरती ही नहीं बल्कि पूरा इतिहास है।
आज (सात फरवरी) रोज डे के साथ ही शुरू हो गया है वेलेंटाइन वीक। प्यार करने वालों के लिए ये पूरा हफ्ता बेहद खास है। रोज का नाम सुनते ही सबसे पहले जिस रंग का गुलाब ख्याल में आता है वो है सुर्ख लाल। सदियों से ही प्यार की निशानी माना जाने वाला लाल गुलाब हमें कविताओं-शेरो-शायरी और पेंटिंग्स और फिल्मी गीतों में प्यार का जिक्र लाल गुलाब के बिना पूरा नहों होता। दुनिया में इतने सारे रंगों के गुलाब होने के बावजूद लाल गुलाब ही प्रेमियों और शायरों के लिए इतना खास क्यों है! फूल कोई भी हो उसकी उम्र बहुत कम होती है लेकिन प्यार की दास्तानों में लाल गुलाब का लम्बा इतिहास है। अगर आप भी अपने वैलेंटलाइन को लाल गुलाब देने जा रहे हैं तो इसके पीछे का इतिहास।
शेक्सपीयर की रोमियो-जुलिएट में मिलता है जिक्र
रोमिया-जूलियट शायद दुनिया की सबसे पापुलर लव स्टोरी है। इंग्लिश लेखक शेक्सपीयर का ये नाटक कितना लोकप्रिय है ये जानने के लिए बस इतना याद करे लें कि कम से हिन्दी में इसकी थीम पर सौ से ज्यादा फिल्में बन चुकी हैं। इस फेमस प्ले रोमिओ एंड जूलिएट में प्यार की निशानी लाल गुलाब का जिक्र होता है। उन्होंने अपने इस प्ले में खूबसूरत गुलाब को प्यार की निशानी बताया है। पोऐट रोबर्ट बर्न्स की प्रेम कविताओं में भी लाल गुलाब का जिक्र मिलता है।
ग्रीक और रोमन कनेक्शन
ईसाई मान्यताओं में लाल गुलाब का रिश्ता वर्जिन मेरी से अक्सर जोड़ा जाता है। वर्जिन मेरी यानी ईसा मसीह की माँ। गुलाब उन तीन फूलों में से एक है जिसका जिक्र बाइबल में मिलता है। गुलाब का प्रेम से संबंध बहुत पुराना है। ग्रीक और रोमन सभ्यता में गुलाब को प्रेम की देवी एफ्रोडिटी और वीनस से जोड़ा गया है।
नूरजहां से था गुलाब का खास रिश्ता
मुगल बादशाह जहांगीर की बेगम नूरजहां ने भारत के खान-पान में एक अहम चीज जोड़ी, गुलाब का शर्बत। कहते हैं कि नूरजहां एक शाम गुलाबों के बाग में टहल रही थीं। उन्हें शाम के सुहाने मौसम में फारस के बने फालूदा वाले शर्बत की याद आ गई। नूरजहां को लगा कि क्यों न गुलाब से शर्बत बनवाया जाए। ये भारत में फूल से शर्बत बनाने की शुरुआत थी। इससे पहले हमारे यहां फलों और शहद के रस से पेय बनाए जाते थे।