चाणक्य नीति: ये 4 आदतें बताती हैं बेहद स्वार्थी हैं आप
By मेघना वर्मा | Published: June 13, 2020 10:51 AM2020-06-13T10:51:16+5:302020-06-13T10:51:16+5:30
चाणक्य नीति के अनुसार अगर कोई स्त्री की पुरुष को जानना चाहती है तो उसके अंदर के चार गुण देखना चाहिए।
आचार्य की चाणक्य नीतियां आज भी लोगों को जीने की राह दिखा जाती है। राजनीति और अर्थशास्त्र के ज्ञानी चाणक्य ने कई ऐसी बातें बताई हैं जो लोगों को समझने व परखने के लिए जरूरी हैं। आपके जीवन से संबधित आपके व्यक्तित्व और गुण से संबंधित कई बातें ऐसी हैं जो आप दूसरों के साथ खुद पर अप्लाई करके अपने आप का व्यक्तित्व भी जान सकते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार अगर कोई स्त्री की पुरुष को जानना चाहती है तो उसके अंदर के चार गुण देखना चाहिए। अगर ये चार गुण उस व्यक्ति के अंदर नहीं है तो ये मान लेना चाहिए कि व्यक्ति बेहद स्वार्थी है। वह सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोचता है।
आइए आपको बताते हैं कौन से हैं वो गुण जिन्हें एक व्यक्ति के अंदर जरूर होना चाहिए-
चाणक्य के अनुसार
यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।
मतलब- सोने की परख उसे रगड़कर, काटकर, आग में तपा कर और पीटकर की जाती है। इन चारों कार्यों के बाद ही सोने की परख होती है। उसी तरह व्यक्ति को परखने के लिए भी चार बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. त्याग और बलिदान
जिस व्यक्ति में त्याग की भावना होती है वो दूसरों के सुख के लिए सदैव खुद की खुशियों का त्याग कर देता है। ऐसा करने वाला इंसान अच्छा होता है। जिनमें त्याग की भावना नहीं होती वे अच्छे नहीं होते वो कभी किसी का भला नहीं सोच सकते।
2. चरित्र
जिन लोगों का चरित्र सही नहीं वे खुद को लेकर बड़े स्वार्थी होते है। हमेशा अपना सुख और खुशी देखते हैं। अच्छे चरित्र वाले लोगों के मन में दूसरों के प्रति गलत भावनाएं नहीं होती। ऐसे चरित्र वाले लोगों के साथ आप खुद को खुश पाएंगे।
3. गुण
इंसान की पहचान उसके गुणों से होती है। झूठ बोलना, बात-बात पर आपा खो देना, दूसरों को नीचा दिखाना और उनका अपमान करना, खुद पर अंहकार करना ये आपके स्वार्थी होने की निशानी है।
4. कर्म
व्यक्ति का कर्म सबसे बड़ा धर्म होता है। व्यक्ति के कर्म से उसकी पहचान होती है। किसी भी व्यक्ति को परखने के लिए उनसे कर्मों को देखना जरूरी है। गलत तरह से धन संचित करने वाला या गलत तरह से लोगों पर अत्याचार करने वाले लोगों से दूर ही रहना चाहिए।