चाणक्य नीति: पति-पत्नी के बीच नहीं होनी चाहिए ये 5 बातें, रिश्ते में आ जाती है दरार
By मेघना वर्मा | Published: June 8, 2020 01:15 PM2020-06-08T13:15:47+5:302020-06-08T13:15:47+5:30
चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि पति-पत्नी के रिश्ते में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। आपकी ये आदत आपके रिश्ते को कमजोर कर देती है।
प्यार का रिश्ता विश्वास और ईमानदारी का रिश्ता होता है। प्यार के रिश्ते में लोग एक-दूसरे पर जितना भरोसा करें उतना ही रिश्ता मजबूत होता जाता है। इस रिश्ते में सम्मानस और अनुशासन भी का एक ऐसा ही तानाबाना है। बुरे वक्त में और उम्र के आखिरी पड़ाव तक कायम रहता है। यही इस रिश्ते की सबसे बड़ी खूबसूरती है।
आचार्य चाणक्य ने बहुत सारी नीतियां ऐसी बताई हैं जिनसे पति-पत्नी के बीच के रिश्ते और भी मजबूत हो जाएंगे। चाणक्य की अपनी नीति से कई लोग मानव जीवन की प्रेरणा लेते हैं। आइए आपको बताते हैं चाणक्य ने क्या कहा है पति-पत्नी के रिश्ते के बारे में।
1. ना हो कोई अंतर
चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि पति-पत्नी के रिश्ते में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। आपकी ये आदत आपके रिश्ते को कमजोर कर देती है। आपके एक-दूसरे में अंतर करने से आपके रिश्तों का संतुलन बिगड़ सकता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका रिश्ता ही आपकी ताकत बन सकता है।
2. फैसला अकेले ना लें
घर परिवार के मामलों में कोई फैसला अकेले नहीं लेना चाहिए। पति और पत्नी को मिलकर हर छोटे-बड़े फैसले को करना चाहिए। ऐसा करने से भी आपका रिश्ता मजबूत होगा आप अपने साथी के और करीब जाएंगे। मिलकर फैसाल लेने की आदत विकसित करें।
3. नीचा दिखाना गलत
पति पत्नी का रिश्ता ऐसा है कि इसमें सम्मान होना जरूरी है। इस रिश्ते की अपनी अलग मर्यादा है। आपको उस मर्यादा का हमेशा पालन करना चाहिए। एक-दूसरे की कमजोरियों को लेकर उन्हें कभी नीचा दिखाना चाहिए। ऐसा करने से कलह पैदा होती है।
4. नहीं खोएं सौहार्द
आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच प्यार और सौहार्द का रिश्ता हमेशा बरकरार होना चाहिए। अगर किसी बात पर झगड़ा हो रहा हो तो झगड़ने से पहले उस पर ध्यान से बात करें। हो सकता है बात-चीत में झगड़ा निपट जाए।
5. जरूरतों को ना करें नजर अंदाज
आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच का रिश्ता सबसे पवित्र होता है। इस रिश्ते को कायम रखने के लिए पति-पत्नी को एक-दूसरे की जरूरतों को समझना बहुत जरूरी है। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार अगर पति-पत्नि एक दूसरे की जरूरतों को नजरअंदाज करेंगे तो रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगेंगी।