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कार्य समिति की बैठकः कांग्रेस में उठा तूफ़ान अभी समाप्त नहीं हुआ है केवल थमा है

By शीलेष शर्मा | Updated: August 25, 2020 19:20 IST

कल रात कार्यसमिति की बैठक के बाद गुलाम नबी आज़ाद के आवास पर आनंद शर्मा, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी  जैसे आवाज़ उठाने वाले नेताओं ने बैठक कर कार्यसमिति की बैठक के नतीजों पर चर्चा की।

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ठळक मुद्देबैठक में मौजूद सदस्य के अनुसार सोनिया ने पत्र पढ़ने के बाद राहुल को भेज दिया था।राहुल ने उस को वेणुगोपाल को भेजा ताकि कार्यसमिति की बैठक उसी पत्र को लेकर बुलाई जा सके।मुद्दों को लेकर तब लड़ाई जारी रखने का है जब तक पार्टी में संसदीय बोर्ड का गठन, कार्यसमिति के चुनाव नहीं हो जाते।

नई दिल्लीः कांग्रेस की मैराथन कार्य समिति की बैठक के बावजूद 23 नेताओं के पत्र को लेकर उठा तूफ़ान शांत होता नहीं दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार नेतृत्व को लेकर सवाल उठाने वाले नेताओं के निशाने पर अब पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल आ गये हैं।

यह संकेत तब मिले जब कल रात कार्यसमिति की बैठक के बाद गुलाम नबी आज़ाद के आवास पर आनंद शर्मा, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी  जैसे आवाज़ उठाने वाले नेताओं ने बैठक कर कार्यसमिति की बैठक के नतीजों पर चर्चा की।

इस चर्चा में के सी वेणुगोपाल निशाने पर थे। बैठक में मौजूद एक सदस्य ने बताया कि पूरी चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि आखिर जो पत्र सोनिया गाँधी को लिखा गया था वह मीडिया में कैसे पहुंचा जबकि उसकी कोई प्रति हस्ताक्षर करने वालों के पास नहीं थी, जिसका खुलासा आज़ाद ने कार्यसमिति की बैठक में भी किया था। 

दरअसल इन नेताओं का शक के सी वेणुगोपाल पर था। बैठक में मौजूद सदस्य के अनुसार सोनिया ने पत्र पढ़ने के बाद राहुल को भेज दिया था व राहुल ने उस को वेणुगोपाल को भेजा ताकि कार्यसमिति की बैठक उसी पत्र को लेकर बुलाई जा सके।

के सी वेणुगोपाल ने जानबूझ कर कार्य समिति की बैठक से ठीक पहले दिल्ली के एक अंग्रेजी समाचार पत्र के उस संवाददाता जो केरल से है और वेणुगोपाल से उसके पुराने रिश्ते हैं को पत्र की प्रति दे दी ताकि जो मुद्दे पत्र में उठाये गये थे उन पर चर्चा न हो कर पत्र के सार्वजनिक होने के मुद्दे पर केंद्रित हो जाये।

कार्यसमिति के फैसले को यह नेता अपनी बड़ी जीत मान रहे हैं लेकिन उनका इरादा इन मुद्दों को लेकर तब लड़ाई जारी रखने का है जब तक पार्टी में संसदीय बोर्ड का गठन, कार्यसमिति के चुनाव नहीं हो जाते। इस बीच यह नेता इस बात के तथ्य एकत्रित करेंगे कि पत्र कैसे लीक हुआ और उसे लीक कराने में किस किस की भूमिका थी। कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा और वासनिक के ट्वीट भी इशारा कर रहे हैं कि तूफ़ान थमा है समाप्त नहीं हुआ है, क्योंकि यह मुद्दों का सवाल है पद पाने का नहीं। दूसरी तरफ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मान कर चल रहा है कि विवाद समाप्त हो चुका है। 

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