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कोरोना वायरस से तब बेखबर या बेपरवाह थे पीएम मोदी? चर्चा में पुराना ट्वीट

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: April 3, 2020 05:41 IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि- यह चौंकाने वाला है कि मोदीजी के समय में रचनात्मक आलोचना बर्दाश्त नहीं की जाती है, वे प्रतिक्रिया देना शुरू करते हैं और आलोचकों को राष्ट्रविरोधी कहने की हद तक जाते हैं. इसलिए हमें यह कहना होगा कि वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं, वे अलोकतांत्रिक हैं.

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ठळक मुद्देपीएम मोदी लगातार सोशल डिस्टेंस को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन उनके ट्वीट के हवाले से उनपर 17 मार्च तक इस खतरे से बेखबर या बेपरवाह होने का आरोप लग रहा है.उनका 19 फरवरी का ट्वीट तो खासा चर्चा में रहा है जिसमें वे अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘हुनर हाट’ में अचानक पहुंचे थे और वहां लिट्टी-चोखा खाया था.

कोरोना वायरस अटैक के मद्देनजर पीएम मोदी लगातार सोशल डिस्टेंस को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन उनके ट्वीट बताते हैं कि वे स्वयं 17 मार्च तक इस खतरे से बेखबर या बेपरवाह थे. उनका 19 फरवरी का ट्वीट तो खासा चर्चा में रहा है जिसमें वे अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘हुनर हाट’ में अचानक पहुंचे थे और वहां लिट्टी-चोखा खाया था.

खास बात यह है कि कोरोना का पहला प्रभावित जनवरी माह में सामने आया था और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो कोरोना वायरस को लेकर 12 फरवरी को चेतावनी वाला ट्वीट भी किया था.

इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि- यह चौंकाने वाला है कि मोदीजी के समय में रचनात्मक आलोचना बर्दाश्त नहीं की जाती है, वे प्रतिक्रिया देना शुरू करते हैं और आलोचकों को राष्ट्रविरोधी कहने की हद तक जाते हैं. इसलिए हमें यह कहना होगा कि वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं, वे अलोकतांत्रिक हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की ओर से पीएम मोदी को लिखे गए पत्र के संदर्भ में सीएम गहलोत का कहना है कि श्रीमती गांधी ने पहले ही प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि संकट के इस समय में पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ है, उन्हें इसका सार्वजनिक रूप से स्वागत करना चाहिए था.

सीएम गहलोत ने ट्वीट किया- लोकतंत्र में, अगर विपक्ष कुछ निश्चित मामलों पर ध्यान केंद्रित करता है, तो भी इसे सकारात्मक भावना से लिया जाना चाहिए ताकि चीजों को बेहतर बनाया जा सके. इससे सरकार को बेहतर और संगठित तरीके से राष्ट्र की सेवा करने में मदद ही मिलेगी.

उन्होंने कहा- कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि हम एकजुटता से काम करते हैं, तो हम इस संकट को दूर करेंगे.

उनका कहना है कि श्रीमती गांधी और सीडब्ल्यूसी द्वारा पारित प्रस्ताव को रचनात्मक आलोचना के रूप में लिया जाना चाहिए था, जिसमें केवल कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए बीजेपी सरकार द्वारा अपनाए गए पैकेजों और उपायों को लेकर प्रकाश डाला गया था.

सीएम गहलोत का कहना है कि अमित शाह, जेपी नड्डा और प्रकाश जावडेकर सहित भाजपा नेताओं ने सियासत के मद्देनजर जानबूझकर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती गांधी के मैसेज का गलत प्रस्तुतीकरण किया.

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