उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जाएगी कुर्सी! अगले साल विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी चिंतित
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 9, 2021 07:32 AM2021-03-09T07:32:23+5:302021-03-09T07:32:23+5:30
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। रिपोर्ट्स के अनुसार बीजेपी के दो विशेष पर्यवेक्षकों ने भी राज्य के सीएम को बदलने की बात कही है।
नई दिल्ली: उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों की आहट के बीच ही भाजपा आला कमान राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर गंभीरता से विचार कर रहा है.आलाकमान द्वारा वहां भेजे गए दो विशेष पर्यवेक्षकों ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें कहा गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदला जाना चाहिए.
आलाकमान ने रिपोर्ट पर तेजी से काम किया और सीएम रावत को तत्काल तलब किया. रावत दिल्ली पहुंच चुके हैं. पता चला है कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी महासचिव बी एल संतोष जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलेंगे और यह तय होगा कि भविष्य में क्या कदम उठाया जाए.
त्रिवेंद्र सिंह रावत की कुर्सी क्या बचेगी?
दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने देहरादून में पार्टी विधायकों और अन्य नेताओं के साथ व्यापक चर्चा की. माना यह जा रहा है कि रावत उतने सक्रिय नहीं हैं और चुनाव के दौरान मतदाताओं को रिझाने में कामयाब होने की बजाय पार्टी के लिए बोझ ही साबित होंगे.
यह भी संभावना है कि रावत इस मामले में अपने पक्ष को आला कमान के सामने बेहतर तरीके से रख कर मना सकते हैं. रावत एक ऐसे ईमानदार प्रशासक माने जाते हैं जिन्होंने अपनी कार्यशैली से लोगों को नाराज कर दिया है. रावत ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी लेकिन वह पार्टी को अपने साथ लेकर चलने में नाकामयाब रहे हैं.
केरल की तरह ही उत्तराखंड भी ऐसा राज्य है जहां हर विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार नजर आती है. इसलिए, आलाकमान यहां से आ रहे नकारात्मक संकेतों से चिंतित है.
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह विकल्प कौन?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' एक बार फिर इस पद के प्रबल दावेदार हैं. लेकिन कई ऐसे भी हैं जो नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को यह कहते हुए खारिज कर देते हैं कि रावत के नेतृत्व को कोई खतरा नहीं है.
रावत जोड़ पार्टी नेतृत्व ने उत्तरााखंड में घटनाक्रम के संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, गौतम ने कहा था कि सिंह और वह प्रदेश सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 70 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करने के लिए राज्य गए थे.
प्रदेश के एक धड़े के नेताओं के रावत के नेतृत्व से नाराज होने की खबरें आई हैं और उनका मानना है कि रावत के नेतृत्व में पार्टी का भविष्य ठीक नहीं दिख रहा. सूत्रों ने बताया कि पार्टी राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल भी कर सकती है. वर्ष 2017 में राज्य विधानसभा की 70 में से 57 सीटें जीतने के बाद भाजपा ने रावत को मुख्यमंत्री बनाया था.