धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में एक नवनिर्वाचित बीएसपी पार्षद को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पार्षद का नाम मुशर्रफ हुसैन है। पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक पार्षद ने जानबूझकर धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए उर्दू में पद और गोपनीयता की शपथ ली है जिसके चलते शपथ ग्रहण समारोह का माहौल खराब हुआ और कानून व्यवस्था बिगड़ने के हालात बने।
ये है मामलाअलीगढ़ नगर निगम में नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ-ग्रहण समारोह चल रहा था। इस दौरान बीएसपी पार्षद हुसैन ने उर्दू में शपथ लेना चाही लेकिन बीजेपी के पार्षद उनका विरोध करते हुए हंगामा करने लगे। बात झड़प और हाथापाई तक पहुंच गई। इसके बाद स्थिति को संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करना पड़ी।
ऐसे बड़ा विवादपार्षद हुसैन के खिलाफ यह शिकायत बीजेपी पार्षद पुष्पेंद्र कुमार ने की है। उनके मुताबिक, पार्षदों को हिन्दी में लिखी शपथ दी गई थी। शुरूआत में कार्यक्रम शांति से चल रहा था लेकिन उर्दू में शपथ लेने के दौरान माहौल बिगढ़ने लगा। दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच पहले हंगामा, धार्मिक नारेबाजी और थोड़ी हाथा पाई भी हुई।
अलीगढ़ में चुने गए हैं बीएसपी के मेयरअलीगढ़ में बहुजन समाजवादी पार्टी के मोहम्मद फुरकान महापौर का चुनाव जीते हैं, लेकिन बीजेपी के 35 और बीएसपी के 21 पार्षदों ने चुनाव में जीत दर्ज की है। चुनाव के नतीजों के बाद से ही यहां बीजेपी और बीएसपी में तनाव का माहौल है।
यूपी में आधिकारिक भाषा है उर्दूध्यान देने वाली बात यह भी है कि उत्तर प्रदेश में पहले नंबर पर हिंदी और दूसरे पर उर्दू को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला है। वहीं संसद में शपथ के नियमों की बात करें तो संसद के शपथ ग्रहण से जुड़े नियमों की बात करें तो शपथ किसी भी ऐसी भाषा में ले सकते हैं जो संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज 22 भाषाओं में शामिल हो।