जयपुर: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को गहलोत सरकार पर किसानों के साथ भी सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार कोरोना को परास्त करने में पूरी तरह विफल रही है। चौधरी ने रविवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये संवाददाताओं से बातचीत में राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर फसल की खरीद शुरू नहीं हुई है और खरीफ की फसल पर सब्सिडी जारी नहीं करने की वजह से किसानों को बहुत परेशानी हो रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पर्याप्त खरीद केंद्र नहीं होने के कारण इस बार गेहूं, सरसों और चना की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। राजस्थान की 11341 पंचायतों पर केवल 719 खरीद केंद्रों की शुरुआत ही नहीं हुई है। इससे केवल 16 पंचायतों पर केवल एक खरीद केंद्र के हिसाब से बहुत ही कम है। चौधरी ने कहा कि देश के दूसरे राज्यों में जहां खरीफ फसल खरीद का कार्य पूर्ण हो चुका है, वहीं राजस्थान में इसकी ठीक से शुरुआत भी नहीं हुई है।
इससे राजस्थान सरकार की लापरवाही साफ जाहिर हो रही है कि उसने किस तरह से राज्य के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा खरीफ 2019 के लिए अप्रैल, 2020 तक राजस्थान राज्य में कुल 947.86 करोड़ राशि का भुगतान किया है जबकि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने खरीफ 2019 तक कुल 787.43 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भुगतान लंबित रखा हुआ है, इसमें खरीफ 2018 के 46.54 करोड़ रूपये और रबी 2018-19 के 24.89 करोड़ और खरीफ 2019 के 716 करोड़ की स्टेट सब्सिडी रिलीज नहीं की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अब तक 15.65 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 7,825 करोड़ रुपये जमा करवाए गए, जिसमें 67 लाख 22 हजार सौ राजस्थानी महिलायें हैं। इनको 336 करोड़ 10 लाख 50 हजार रुपये की राशि डाल दी गयी। उन्होंने कहा कि इसी तरह रबी फसल कटाई के दौरान राजस्थान के किसानों को लॉकडाउन के दौरान बड़ी राहत देने के लिए किसानों की रबी फसल की प्रति किसान खरीद 25 क्विंटल प्रतिदिन से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रतिदन कर दी गयी।
चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत पूरे भारत में 7.92 करोड़ किसानों के खाते में सहायता राशि पहुंची तथा 2,000 रुपये की पहली किस्त के रूप में उनके खातों में कुल 15,841 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गये, उसमें से राजस्थान के लिए 744 करोड़ 8 लाख 30 हजार रुपये का भुगतान 37 लाख 20 हजार 415 किसानों को हुआ। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादों को खराब होने से बचाने के लिए किसान रेल शुरू की गयी है और किसान रेल में 59 रूट्स पर 109 ट्रेनें शुरू की गई।
चौधरी ने कहा कि कृषि उत्पादों के परिवहन में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए कृषि मंत्रालय ने कृषि ट्रांसपोर्ट टोल फ्री नम्बर 1800 180 4200 एवं 14488 शुरू किया। इस पर किसान कॉल करके सब्जी, फल, बीज या कीटनाशक उर्वरकों आदि के अन्तराज्यीय परिवहन में आने वाली समस्याओं को बताकर समन्वय स्थापना कर सकते हैं।