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त्रिपुरा चुनाव 2018: त्रिपुरा में हुए 74 फीसदी मतदान, 292 उम्मीदवारों के भविष्य EVM में कैद

By खबरीलाल जनार्दन | Updated: February 18, 2018 21:11 IST

त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों में से 59 पर रविवार को मतदान हुए। चलीराम विधानसभा सीट पर मतदान नहीं हुआ। वहां 12 मार्च को चुनाव होंगे।

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ठळक मुद्देत्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों में आज 59 पर ही मतदान हुएचलीराम सीट पर वोटिंग 12 मार्च को होगी, यहां के माकपा उम्मीदवार की बीते सप्ताह मौत हो गई थीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी त्रिपुरावासियों से रिकॉर्ड मतदान करने की अपील

अगरतला, 18 फरवरीः उत्तर पूर्व भारतीय राज्य त्रिपुरा में रविवार को जबर्दस्त वोटिंग हुई। यहां  60 विधानसभा सीटों में 59 पर मतदान हुए। चुनाव आयोग के अनुसार शाम चार बजे तक कुल 74 फीसदी मतदान हुए। इनमें कुल  3,214 केंद्रों पर सुबह सात बजे से ही मतदान शुरू हो गए थे, शाम चार बजे तक वोट डाले गए। कुछ जगहों पर देर से मतदान शुरू होने के चलते कुछ देर बाद तक वोटिंग जारी रही। जबकि चरीलम विधानसभा सीट के उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देब बर्मा (मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी) की बीते सप्ताह मौत हो जाने के चलते यहां के मतदान को आगे बढ़ा दिया गया है। अब इस सीट पर 12 मार्च को मतदान होगा।

त्रिपुरा के 292 उम्मीदवारों के भविष्य ईवीएम में कैद हो गए।  त्रिपुरा के नतीजे आगामी  3 मार्च आएंगे। सत्तारुढ़ माकपा ने इस बार बस 57 सीटों पर ही अपने उम्मदीवार उतारे। उसने दूसरे वामपंथी दल आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और भाकपा के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारे। भारतीय जनता पार्टी ज्यादातर सीटों और कांग्रेस ने 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

Tripura Election 2018 लाइव अपडेट

चुनाव आयोग ने त्रिपुरा का मतदान प्रतिशत जारी कर दिए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक त्रिपुरा के 59 विधानसभाओं पर रविवार को हुई वोटिंग में कुल 74 फीसदी लोगों ने मतदान किए। चुनाव आयोग के अनुसार छिट-फुट ईवीएम में गड़बड़ी की भी खबरें आईं। पर उनमें से ज्यादातर खबरें गलत थीं। हालांकि 12 केंद्रों पर ईवीएम हटाकर बैलेट पेपर वोटिंग करानी पड़ी।

 

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक शाम 3 बजे तक 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। इससे पहले दोपहर 1 बजे तक दर्ज किया गया 45.86 फीसदी और सुबह 11 बजे तक 23.25% लोगों ने वोट डाले। जबकि मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने अगरतला के एक मतदान केंद्र पर जाकर वोट डाला। वे धानपुर विधानसभा सीट के विधायक हैं।

इससे पहले एएनआई के मुताबिक सुबह 9 बजे तक त्रिपुरा के 11 फीसदी मतदाता घरों से निकले और अपना मतदान किया था। त्रिपुरा के बीजेपी अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने उदयपुर के मतदान केंद्र संख्या 31/34 पर अपना वोट डाला। उन्होंने कहा इस बार राज्य के चुनाव नतीजे ऐतिहासकि होंगे। उनके मुताबिक वे निश्चित तौर चुनाव जीतने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें फोन कर के शुभकामनाएं दी हैं।

पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीराम तारानिकांती ने कहा, "राज्य में सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले ही कई मतदान केंद्रों पर पुरुष एवं महिलाएं लंबी-लंबी कतारों में खड़े हैं।"

निर्वाचन अधिकारी ने बताया, "सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर 50,000 अर्धसैनिकबलों और अन्य राज्य के सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया है। दो वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में हेलीकॉप्टरों के जरिए दो एयर सर्विलांस टीमें भी निगरानी रख रही हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह त्रिपुरा के मतदाताओं, खासकर के युवा वोटरों से अपील की कि वे घर से बाहर निकलें और सबसे ज्यादा वोट‌िंग का रिकॉर्ड बनाएं।

त्रिपुरा के उदयपुर के 31/34 मतदान केंद्र पर मतदान के लिए लोग पहुंंचे। वोटरों ने कहा वे राज्य में विकास चाहते हैं। इसलिए वे घरों से अलसुबह निकलकर वोट के लिए पहुंचे हैं।

 

त्रिपुरा के मतदान केंद्र 31/34 पर सुबह सात बजे से ही भारी संख्या में मतदाता पहुंचे हुए हैं। इनमें महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के भाटी अभय नगर के मतदान केंद्र संख्या 6/20 पर वोटरों ने काफी उत्साह के साथ रविवार सुबह वोटिंग शुरू की।

चुनाव से पहले सभी पार्टियों से वोटरों को लुभाने के लिए पूरा जोर दिखाया है। राज्य में अब तक कुछ खास कमाल ना कर पाने वाली बीजेपी इस बार अपना 25 साल का वनवास खत्म करने के लिए पूरा दम दिखा रही है। त्रिपुरा चुनाव के लिए सभी पार्टियों  ने जमकर प्रचार भी किए हैं।भाजपा ने त्रिपुरा में युवाओं के लिए मुफ्त स्मार्टफोन, महिलाओं के लिए मुफ्त में ग्रेजुएशन तक की शिक्षा, रोजगार, कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने जैसे वादे अपने चुनाव घोषणापत्र, 'त्रिपुरा के लिए विजन डॉक्यूमेंट' में किए हैं। 

कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव 2013 में 36 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि भाजपा को महज डेढ़ फीसदी। लेकिन भाजपा ही इस चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को टक्कर दे रही है। यह चौंकाने वाला तथ्य है। इसका श्रेय भाजपा की मजबूत रणनीति को जाता है जिसके जरिए वह पूर्वोत्तर को फतह करना चाहती है। भाजपा ने कांग्रेस के तमाम प्रमुख नेताओं को तोड़कर अपने साथ मिला लिया है, जिससे कांग्रेस एक तरह से मुख्य स्पर्धा से बाहर हो चुकी है।- त्रिपुरा केंद्रीय विश्वविद्यालय में राजनीतिशास्त्र की प्रोफेसर चंद्रिका बसु मजूमदार 

राहुल गांधी चुनाव प्रचार खत्म होने से कुछ घंटे पहले ही वे रामकृष्ण कॉलेज स्टेडियम पहुंचें थे, जहां वे एक चुनाव सभा को संबोधित किया। हालांकि भाजपा ने भी इसी रणनीति के तहत त्रिपुरा में चुनाव प्रचार किया। इस राज्य में 60 विधानसभा सीटें हैं। मौजूदा समय में यहां अभी लेफ्ट की सरकार है। साल 1998 से राज्य में माणिक सरकार मुख्यमंत्री हैं।

राज्य में अब तक वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला देखा गया है, जबकि राज्य के सीएम माणिक सरकार ने भी कहा कि 18 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला माकपा और भाजपा के बीच होने जा रहा है। असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भाजपा पहले ही सरकार बना चुकी है।

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