अर्थव्यवस्था से दूर नहीं हुए नकली नोट, सुधार के लिए BJP सरकार उठाए कड़े कदम: तृणमूल नेता शांतनु सेन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 3, 2019 03:41 PM2019-12-03T15:41:18+5:302019-12-03T15:41:18+5:30

कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने तीन दिसंबर 1984 को भोपाल में हुए भयावह गैस हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि दोबारा कभी भी ऐसा रसायनिक हादसा न होने पाए।

trinamool leader santanu sen on indian economy | अर्थव्यवस्था से दूर नहीं हुए नकली नोट, सुधार के लिए BJP सरकार उठाए कड़े कदम: तृणमूल नेता शांतनु सेन

देश की अर्थव्यवस्था से दूर नहीं हुए नकली नोट, सुधार के लिए BJP सरकार उठाए कड़े कदम: तृणमूल नेता शांतनु सेन

Highlightsशांतनु सेन ने कहा कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था जिसके तहत 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट चलन से हटा दिए गए थे।सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि सभी किसानों का यथाशीघ्र पंजीकरण किया जाना चाहिए ताकि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सके।

राज्यसभा में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने नोटबंदी के तीन साल बाद भी देश के विभिन्न हिस्सों से जाली करेन्सी जब्त किए जाने का दावा करते हुए अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कड़े कदम उठाए जाने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के शांतनु सेन ने कहा कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया गया था जिसके तहत 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट चलन से हटा दिए गए थे। तब इसका कारण बताया गया था कि जाली नोट प्रचलन में हैं। लेकिन उसके बाद से अब तक अलग अलग राज्यों में जाली नोट जब्त किए गए हैं।

नकली नोटों की बरामदगी अब तक जारी है और इससे साफ है कि नोटबंदी के फैसले से न तो जाली नोटों पर लगाम लग पाई और न ही अब तक काला धन का पता चल पाया। सेन ने कहा कि अर्थव्यवस्था से जाली नोट अब तक दूर नहीं किए जा सके। उन्होंने मांग की कि सरकार को अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। इसी पार्टी के सुखेन्दु शेखर राय ने कहा कि सभी किसानों का यथाशीघ्र पंजीकरण किया जाना चाहिए ताकि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सके।

राय ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को तीन समान किस्त में 6,000 रुपये का भुगतान किया जाता है ताकि उनकी कृषि संबंधी जरूरत पूरी हो सके। राजद के मनोज झा ने डीयू में तदर्थ नियुक्तियों का मुद्दा शून्य काल में उठाया। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 28 अगस्त को जारी परिपत्र के बाद तदर्थ नियुक्तियों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। झा ने कहा कि इस परिपत्र में कहा गया है कि चालू अकादमिक सत्र में रिक्तियों पर केवल अतिथि शिक्षकों की ही नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से यह परिपत्र वापस लिए जाने की मांग करते हुए कहा कि इस फैसले से 5000 शिक्षक प्रभावित होंगे।

अन्नाद्रमुक की विजिला सत्यानंद ने प्रख्यात कवि सुब्रमण्यम भारती की 11 दिसंबर को 137वीं जयंती होने का जिक्र करते हुए मांग की कि उनके द्वारा रचित सभी गीतों को मान्यता दी जाए, अन्नामलाई विश्वविद्यालय में उनके नाम पर एक पीठ स्थापित की जाए और उनके साहित्य को अकादमिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने तीन दिसंबर 1984 को भोपाल में हुए भयावह गैस हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि दोबारा कभी भी ऐसा रसायनिक हादसा न होने पाए। इसी पार्टी के जयराम रमेश ने कहा कि इस हादसे के बाद ही पर्यावरण संरक्षण कानून बना था और इसे कमजोर नहीं किया जाना चाहिए।

इनके अलावा, कांग्रेस की विप्लव ठाकुर, कुमारी शैलजा और हुसैन दलवई, भाजपा के रामकुमार वर्मा, बीजद के प्रसन्न आचार्य, तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भुनिया, भाकपा के बिनोय बिस्वम तथा तेदेपा के कनकमेदला रविन्द्र कुमार ने भी लोक महत्व से जुड़े अपने अपने मुद्दे शून्यकाल में उठाए।

English summary :
trinamool leader santanu sen on indian economy


Web Title: trinamool leader santanu sen on indian economy

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