नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष स्थापित किया जाएगा।
हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं; अगले 2 वर्षों में 10,00,000 हेक्टेयर जमीन को कवर किया जाएगा। खुरपका-मुंहपका और ब्रुसेलोसिस के लिए 13,343 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया।
आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त में कृषि व इससे संबद्ध क्षेत्रों को राहत देने पर ध्यान दिया गया है। तीसरी किस्त की घोषणाओं की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...
: लॉकडाउन के दौरान किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 74,300 करोड़ रुपये की कृषि उपज खरीद की गयी।
: शीत भंडारण श्रृंखला खड़ी करने, रखरखाव एवं परिवहन जैसी बुनियादी संरचनाओं के निर्माण के लिये एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी संरचना कोष बनाने की घोषणा।
: सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों को बढ़ावा देने के लिये 10 हजार करोड़ रुपये की योजना की घोषणा, करीब दो लाख सूक्ष्म खाद्य इकाइयों को होगा लाभ।
: मत्स्यपालन, मछली उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने को लेकर जरूरी ढांचागत सुविधाएं बनाने के लिये 20 हजार करोड़ रुपये की घोषणा।
: 53 करोड़ पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग से बचाने के लिये 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के वास्ते 13,343 करोड़ रुपये का कोष।
: डेयरी प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिये 15 हजार करोड़ रुपये का पशुपालन बुनियादी संरचना विकास कोष बनेगा।
: औषधीय खेती को बढ़ावा देने, अगले दो साल में 10 लाख हेक्टेयर के रकबे को औषधीय खेती के दायरे में लाने के लिये चार हजार करोड़ रुपये की घोषणा।
: मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन, ग्रामीण क्षेत्रों के दो लाख मधुमक्खी पालकों को होगा लाभ।
: सभी फलों और सब्जियों तक ऑपरेशन हरित के विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष। परिवहन, भंडारण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जायेगी।
: सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी; अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालों, आलू और प्याज को इस कानून के दायरे से नियमन मुक्त किया जायेगा।
: आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों तथा मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी। राष्ट्रीय आपदा, भुखमरी जैसी आपात स्थितियों में ही भंडारण सीमा रहेगी।
आवश्यक वस्तु अधिनियम में होगा संशोधन, अनाज, खाद्य तेल, दालों को कानूनी शिकंजे से मुक्त करेगी सरकार
सरकार ने अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, आलू और प्याज जैसी कृषि उपज को ‘नियंत्रणमुक्त’ करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) में संशोधन करने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त जारी करते हुए यह घोषणा की। इन संशोधनों के जरिये जहां खाद्य उत्पादों के उत्पादन और बिक्री को नियंत्रणमुक्त किया जाएगा, वहीं किसी भी उत्पाद पर स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी।
इन उत्पादों पर राष्ट्रीय आपदा मसलन अकाल जैसी आसाधारण परिस्थतियों में ही स्टॉक या भंडारण सीमा लगाई जा सकेगी। कोविड-19 महामारी के बीच सरकार ने अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसी राहत पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रसंस्करणकर्ताओं और मूल्य श्रृंखला के भागीदारों पर भी स्टॉक सीमा लागू नहीं होगी। सीतारमण ने किसानों को विपणन का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कृषि विपणन सुधारों की भी घोषणा की।
उन्होंने मछलीपालन, डेयरी विकास, औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती और मवेशी टीकाकरण के लिए भी नए कोष की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, मवेशी चारा क्षेत्र में निवेश को समर्थन के लिए 15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन संरचना विकास कोष स्थापित किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि सभी मवेशियों को खुरपका- मुंहपका बीमारियों से बचाव के टीकाकरण के लिए 13,343 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मछुआरों को 10,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की घोषणा की।
हर्बल खेती को प्रोत्साहन के लिए 4,000 करोड़ रुपये के लिए राष्ट्रीय औषधीय पौध कोष की घोषणा की गई है। इसके तहत 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को इस तरह की स्वास्थ्यवर्धक जड़ी बूटियों की खेती के तहत लाने का लक्ष्य है। सीतारमण ने कहा कि अब ऑपरेशन हरित का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू से आगे सभी फलों और सब्जियों तक किया जाएगा। इन जिंसों के परिवहन और भंडारण पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त में मधुमक्खी पालकों के लिए बुनियादी ढांचा विकास को 500 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की गई है।