हिंदू और मुसलमान की कट्टरता एक समान, किसी भी देश के लिए खतरनाक, दिग्विजय के बयान से विवाद

By भाषा | Published: October 2, 2019 09:03 PM2019-10-02T21:03:08+5:302019-10-02T21:03:08+5:30

दिग्विजय ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "आपने (संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में) पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का हालिया भाषण सुना होगा जिसमें वह इस्लामोफोबिया और इस्लामी चरमपंथ की बात कर रहे थे।

The fanaticism of Hindu and Muslim alike, a problem for any country, dispute with Digvijay's statement | हिंदू और मुसलमान की कट्टरता एक समान, किसी भी देश के लिए खतरनाक, दिग्विजय के बयान से विवाद

राज्यसभा सदस्य ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जिया-उल-हक के कार्यकाल में भी पड़ोसी मुल्क में "घोर चरमपंथ" को बढ़ावा दिया गया था।

Highlightsमुस्लिमों के चरमपंथीकरण की तरह हिंदुओं का चरमपंथीकरण भी खतरनाक है। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में बहुसंख्यकों का सांप्रदायिकरण हुआ है और वहां के हालात आप देख ही रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के हालिया भाषण का हवाला देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि मुस्लिमों के चरमपंथीकरण की तरह हिंदुओं का चरमपंथीकरण भी खतरनाक है।

उनके इस बयान पर विवाद उत्पन्न हो गया है। दिग्विजय ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "आपने (संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में) पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का हालिया भाषण सुना होगा जिसमें वह इस्लामोफोबिया और इस्लामी चरमपंथ की बात कर रहे थे। इसके विरोध में "रेडिकलाइजेशन ऑफ द हिंदूज" (हिंदुओं का चरमपंथीकरण) की बात की जा रही है और "रेडिकलाइजेशन ऑफ द हिंदूज" भी उतना ही खतरनाक है, जितना तरनाक "रेडिकलाइजेशन ऑफ द मुस्लिम्स (मुस्लिमों का चरमपंथीकरण) है।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान में बहुसंख्यकों का सांप्रदायिकरण हुआ है और वहां के हालात आप देख ही रहे हैं। इसी तरह अगर भारत में बहुसंख्यकों का सांप्रदायिकरण होगा, तो इसके दुष्परिणामों से हमारे देश को बचाना आसान नहीं होगा।"

राज्यसभा सदस्य ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जिया-उल-हक के कार्यकाल में भी पड़ोसी मुल्क में "घोर चरमपंथ" को बढ़ावा दिया गया था। दिग्विजय ने कहा, "जवाहरलाल नेहरू का कथन था कि अल्पसंख्यकों की सांप्रदायिकता के मुकाबले बहुसंख्यकों की सांप्रदायिकता ज्यादा खतरनाक होती है।"

उन्होंने कहा, "सांप्रदायिकता का भूत जब तक बोतल में बंद है, बंद है। लेकिन इसके एक बार बाहर निकलने के बाद इसे दोबारा बोतल में डालना आसान नहीं है।" दिग्विजय ने यह भी कहा, "भारत एक धार्मिक देश है। महात्मा गांधी इस देश की सनातनी संस्कृति में निहित सत्य, अहिंसा, प्रेम और सद्भाव के संदेशों को अच्छी तरह समझते थे।

लेकिन देश के वर्तमान हालात में सनातनी परंपरा वाले धर्म के साथ गांधी, भगवान महावीर और गौतम बुद्ध की अहिंसा की विचारधाराएं भी संकट में हैं, क्योंकि हिंसा को पनपाने वाले लोगों को महिमामंडित किया जा रहा है।" उधर, भाजपा ने दिग्विजय के बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, "भगोड़े इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक की भाषा बोलते हुए दिग्विजय हिंदुओं के खिलाफ सांप्रदायिक विषवमन कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि इसी मानसिकता के कारण दिग्विजय को मई में संपन्न लोकसभा चुनावों में भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 

Web Title: The fanaticism of Hindu and Muslim alike, a problem for any country, dispute with Digvijay's statement

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