सत्तर घाट महासेतु टूटने पर सीएम नीतीश पर बरसे तेजस्वी यादव, पूछा- क्या वाह-वाही के लिए समय से पहले किया उद्घाटन 

By रामदीप मिश्रा | Published: July 16, 2020 12:10 PM2020-07-16T12:10:51+5:302020-07-16T12:10:51+5:30

यह पुल गोपालगंज के बैकुंठपुर से पूर्वी चंपारण के चकिया को जोड़ता है। इससे सीवान, छपरा, गोपालगंज होते हुए एनएच-28 के जरिये उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों की संपर्कता हो गई। इस पुल से पटना से मशरख होते हुए रक्सौल तक सीधा रास्ता उपलब्ध हो गया।

tejashwi yadav slams on nitish kumar after sattarghat bridge collapse | सत्तर घाट महासेतु टूटने पर सीएम नीतीश पर बरसे तेजस्वी यादव, पूछा- क्या वाह-वाही के लिए समय से पहले किया उद्घाटन 

तेजस्वी यादव ने सत्तर घाट पुल ढहने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। (फाइल फोटो)

Highlightsसत्तर घाट महासेतु पुल बीते दिन बुधवार को टूट गया। तेजस्वी यादव ने पुल को बनाने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है। 

पटना: सत्तर घाट महासेतु पुल बीते दिन बुधवार को टूट गया। इस पुल का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 29 दिन पहले उद्घाटन किया था। पुल को बनाने में 264 करोड़ की लागत आई है। इसके ढह जाने से विपक्ष ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है और पुल को बनाने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है। 

आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, '8 साल में बनकर तैयार हुआ सत्तर घाट पुल उद्घाटन के 29 दिन बाद ध्वस्त हो गया, इस पर 264 करोड़ का खर्च आया था। क्या मुख्यमंत्री ने अपनी वाह-वाही के लिए समय से पहले पुल का उद्घाटन किया। हमारी मांग है कि बिहार सरकार पु​ल बनाने वाली वशिष्टा कंपनी को तुरंत ब्लैकलिस्ट करे।'

गोपालगंज में बुधवार को पानी के तेज बहाव के चलते एक महीने पहले जिस पुल का ​उद्घाटन हुआ था उसका एक हिस्सा बह ​गया। एक स्थानीय ने बताया कि इससे मुजफ्फरपुर, मोतिहारी जाने का लिंक टूट गया है। सीएम नीतीश कुमार ने 16 जून को पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतु का उद्घाटन किया था।Image

सारण-तिरहुत प्रमंडलों को जोड़ता महासेतु

गंडक नदी के रास्ते सारण-तिरहुत प्रमंडलों को जोड़ने वाले सत्तर घाट महासेतु को जनता को समर्पित किया गया था। 263.48 करोड़ की लागत से 1440 मीटर लंबा महासेतु पर आवागमन से शुरू हो गया था। इसका निर्माण होने से शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया जिलों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल की दूरी कम हो गई थी।  

अप्रैल, 2012 में हुआ था सत्तर घाट महासेतु का शिलान्यास

बता दें कि यह पुल गोपालगंज के बैकुंठपुर से पूर्वी चंपारण के चकिया को जोड़ता है। इससे सीवान, छपरा, गोपालगंज होते हुए एनएच-28 के जरिये उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों की संपर्कता हो गई। इस पुल से पटना से मशरख होते हुए रक्सौल तक सीधा रास्ता उपलब्ध हो गया। अप्रैल, 2012 में इसका शिलान्यास हुआ था।  सत्तरघाट महासेतु से पड़ोसी देश नेपाल की दूरी भी कई जिलों के लिए कम हो गई है। सीवान, सारण, गोपालगंज के अलावे उत्तर प्रदेश के देवरिया, कुशीनगर, बलिया, वाराणसी जिलों से नेपाल की दूरी सौ किलोमीटर तक कम हो गई है।

Web Title: tejashwi yadav slams on nitish kumar after sattarghat bridge collapse

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