राजस्थान राजनीतिक संकट: राजभवन में विधायकों के साथ धरने पर बैठे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
By निखिल वर्मा | Published: July 24, 2020 06:17 PM2020-07-24T18:17:49+5:302020-07-24T18:24:12+5:30
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन में हैं. कांग्रेस विधायक राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं.
राजस्थान में पिछले तीन हफ्ते से जारी राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोर्ट में सियासी लड़ाई लड़े जाने के बाद अब यह राज्यपाल की चौखट पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन में धरने पर बैठ गए हैं। कांग्रेस पार्टी जल्द से जल्द विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रही है।
राजभवन में पत्रकारों से बातचीत में सीएम गहलोत ने कहा है कि हम विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं, विपक्ष को इसका स्वागत करना चाहिए। यह लोकतंत्र की परंपरा रही है । परन्तु यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे, अपना बहुमत सिद्ध करेंगे, कोरोना पर बहस करेंगे। उन्होंने आगे कहा, बिना ऊपर के दबाव के राज्यपाल इस फैसले (विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला) को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्यपाल महोदय कैबिनेट के फैसले में बाऊंड होते हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे विश्वास है कि राज्यपाल कलराज मिश्र किसी दबाव में नहीं आएंगे, मैं यकीन करता हूं कि वह (विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में) जल्द ही फैसला लेंगे।
राजस्थान मामले पर कांग्रेस का आरोप: लोकतंत्र की नयी परिभाषा गढ़ी जा रही है
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मौजूदा समय में लोकतंत्र की नयी परिभाषा गढ़ी जा रही है और राज्यपाल प्रजातंत्र के रक्षक होने की भूमिका का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में दावा किया कि इन दिनों उच्च न्यायालयों में उच्चतम न्यायालय के फैसलों का अनुसरण नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकतंत्र की नयी परिभाषा गढ़ी जा रही है। अब राज्यपाल लोकतंत्र के रक्षक नहीं रहे, बल्कि वे केंद्र की सत्ता के रक्षक हैं।’’ उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर सिब्बल ने कहा, ‘‘कहना नहीं चाहिए लेकिन कहना पड़ता है कि उच्चतम न्यायालय जो फैसले करता है उसे उच्च न्यायालय किनारे कर देते हैं। उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ के फैसले का अनुसरण नहीं किया जा रहा है।’’
मुख्यमंत्री कैसे बनेंगे सचिन पायलट?
कांग्रेस नेता ने कहा कि सचिन पायलट को बताना चाहिए कि वह क्या चाहते हैं और उन्हें यह समझना चाहिए कि 20-25 विधायकों के साथ वह मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। उन्होंने कहा, ‘‘सचिन पायलट को इतनी छोटी उम्र में जो मिला, शायद ही किसी को इतना मिला हो। अब आप (पायलट) क्या चाहते हैं? अगर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो बताइए। अगर आप अपनी पार्टी बनाना चाहते हैं तो बताइए। यह बताइए कि क्या कोई ‘डील’ हुई है? बिन बोले होटल में बैठकर काम नहीं चलेगा।’’
सिब्बल ने कहा, ‘‘अगर आपकी कोई और चिंता है तो आप बताइए। आप 20-25 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। कांग्रेस के पास राजस्थान में 100 से अधिक विधायक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह से सबके सामने तमाशा नहीं बनाना चाहिए। इसमें पार्टी का नुकसान है, आपका नुकसान है, सभी का नुकसान है।’