मध्य प्रदेश: शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में साबित किया बहुमत, कांग्रेस का कोई विधायक नहीं रहा मौजूद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 24, 2020 11:45 AM2020-03-24T11:45:26+5:302020-03-24T11:51:50+5:30
मध्य प्रदेश: कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के कारण प्रदेश की कांग्रेस सरकार बहुमत से पीछे रह गयी और मुख्यमंत्री कमलनाथ को पिछले सप्ताह इस्तीफा देना था।
मध्य प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को आसानी से विधान सभा में बहुमत साबित कर दिया। कई दिनों तक चले सियासी ड्रामे के पिछले हफ्ते पटाक्षेप के बाद शिवराज ने कल रात ही चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। शिवराज सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान हालांकि कांग्रेस का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं रहा।
वहीं, सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में मत किए। सोमवार रात शपथ ग्रहण के तुरंत बाद शिवराज ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का फैसला किया, जिस कारण से मंगलवार से विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र शुरु हुआ है।
BJP leader Shivraj Singh Chouhan wins confidence motion unanimously in Madhya Pradesh assembly for his fourth term as Chief Minister. Not a single Congress MLA was present in the assembly at the time of voting. SP, BSP & independent MLAs voted in favour of the motion. pic.twitter.com/WvOwPhiC77
— ANI (@ANI) March 24, 2020
इससे पहले सोमवार देर रात विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने अपना त्यागपत्र विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कवरे को सौंप दिया। मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने सोमवार देर रात को बताया कि चार दिवसीय इस सत्र में तीन बैठकें होंगी।
उन्होंने बताया कि पहले दिन शिवराज सिंह चौहान की नई सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करेगी। इसके साथ ही नई भाजपा सरकार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए लेखानुदान भी पेश करेगी। सत्र 27 मार्च को समाप्त होगा। इधर, शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्षप्रजापति ने सोमवार देर रात अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
विधानसभा उपाध्यक्ष को संबोधित अपने त्यागपत्र में प्रजापति ने कहा कि वह नैतिक आधार पर मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। प्रजापति नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से कांग्रेस के विधायक हैं। जनवरी 2019 में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा के विरोध के बीच प्रजापति विधानसभा अध्यक्ष चुने गए थे।
बता दें कि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के कारण प्रदेश की कांग्रेस सरकार बहुमत से पीछे रह गयी और मुख्यमंत्री कमलनाथ को पिछले सप्ताह इस्तीफा देना। प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से भाजपा के 107 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद उसकी संख्या घटकर 92 पर आ गई है। वर्तमान में विधानसभा की 24 सीटें रिक्त हैं।
(भाषा इनपुट)