लाइव न्यूज़ :

MP में शिवराज मंत्रिमंडल का अब कभी भी हो सकता है विस्तार

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: June 27, 2020 18:08 IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब अपने मंत्रीमंडल का विस्तार कभी भी कर सकते हैं.

Open in App
ठळक मुद्देभाजपा नेतृत्व ने तय किया है कि राज्य विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के दोनों पद अपने पास रखेगी. सामान्य रूप से परंपरा यह रही है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ताधारी दल और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के पास होता है.इनके अलावा तीन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह भाजपा के पुराने नेता थे.

भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार का शिवराज सरकार के मंत्री मंडल का अब कभी भी विस्तार हो सकता है. अभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मंत्री मंडल में कुल पांच लोग है.

मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्य संख्या के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री शायद ही सभी स्थानों को भरें.

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब अपने मंत्रीमंडल का विस्तार कभी भी कर सकते हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को कमलनाथ सरकार के पतन के बाद शपथ ली थी.

इससे पहले मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए पांच मंत्री बनाए थे-

इसके लगभग एक माह बाद उन्होंने 21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए पांच मंत्री बनाए थे. इनमें दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत, सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व मंत्री  थे.

इनके अलावा तीन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह भाजपा के पुराने नेता थे. 21 अप्रैल के बाद से लगातार यह कयास लगाए जाते रहे कि मंत्री मंडल का विस्तार हो रहा है, पर येसा नहीं हो पाया.

सूत्रों के अनुसार भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व में मंत्री मंडल ने विस्तार के लिए हरी झंडी दे दी है. विस्तार में 22 से 24 मंत्री बनाए जा सकते हैं. इनमें से लगभग 9-10 लोग वह हो सकते है जो सिंधिया के साथ कांग्रेस से बागवत कर भाजपा में आए हैं.

भाजपा राज्य विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के दोनों पद अपने पास रखेगी-

दोनों पद भाजपा रखेगी अपने पास : इसी बीच बताया जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने तय किया है कि राज्य विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के दोनों पद अपने पास रखेगी.

सामान्य रूप से परंपरा यह रही है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ताधारी दल और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के पास होता है. लेकिन कमलनाथ सरकार के दौरान कांग्रेस ने अपने ही दोनों लोगों को यह पद सौपे थे. इसीलिए भाजपा भी अब परंपरा को तिलांजलि देकर दोनों ही पद अपने पास रखने जा रही है. 

टॅग्स :मध्य प्रदेशशिवराज सिंह चौहान
Open in App

संबंधित खबरें

भारतपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतकानून की पकड़ से बच नहीं सकेगा कोई भी अपराधी, सीएम मोहन यादव बोले-कानून सबके लिए

भारतदिवंगत निरीक्षक स्व. शर्मा के परिजन को 1 करोड़ रुपये?, अंकित शर्मा को उप निरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति

कारोबारहैदराबाद के निवेशकों के साथ जोड़ने आए हैं नई डोर, सीएम मोहन यादव बोले- 36,600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 27,800 रोजगार सृजित

क्राइम अलर्टकिशनगंज में देह व्यापार भंडाफोड़, मॉल में 2 लड़की से दोस्ती, नौकरी दिलाने का झांसा देकर बिशनपुर लाई, सिंगरौली की 23 वर्षीय युवती ने दलदल से भागकर बचाई जान

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा