अमित शाह के कटाक्ष पर शिवसेना ने दिलाई फडणवीस के शपथ ग्रहण की याद
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 9, 2021 08:53 PM2021-02-09T20:53:01+5:302021-02-09T20:53:44+5:30
शिवसेना के साथ गठबंधन वार्ता टूट जाने के बाद एक अप्रत्याशित कदम के तहत फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि पवार राकांपा से पर्याप्त संख्या में विधायक नहीं जुटा पाए थे।
मुंबई। 9 फरवरी। बंद दरवाजे के पीछे वादा नहीं करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के दो दिन बाद शिवसेना ने मंगलवार को पलटवार करते हुए कहा कि वह भी हर काम खुलेआम करती है और चोरी-छिपे कुछ नहीं करती। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में पूछा कि क्या 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री के रूप में तड़के शपथ ग्रहण भी खुलेपन का उदाहरण था, जिसकी शाह बात करते हैं।
रविवार को शाह ने कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई वादा नहीं किया था कि यदि शिवसेना-भाजपा गठबंधन 2019 का विधानसभा चुनाव जीतता है तो भाजपा मुख्यमंत्री का पद साझा करेगी (जिसका उद्धव ठाकरे की पार्टी ने दावा किया था)। दोनों ही दल बाद में इस मुद्दे पर अलग हो गए थे। कोंकण क्षेत्र के कणकावली में एक कार्यक्रम में शाह ने कहा था,'' मैं जो कुछ करता हूं, खुलेआम करता हूं।''
पार्टी ने कहा कि शिवसेना जो कुछ करती है, खुलेआम करती है। यदि ऐसी बात नहीं होती तो उसने कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार नहीं बनाई होती। शिवसेना ने कहा कि भाजपा नेता महाराष्ट्र में सत्ता हाथ से जाने की विफलता को लेकर 'कुंठा' के चलते ऐसा बयान दे रहे हैं। उसने सवाल किया कि 2019 में राजभवन में तड़के फडणवीस का मुख्यमंत्री एवं राकांपा के अजित पवार का उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेना 'चीजें खुलेआम करना' कैसे कहा जा सकता है?
शाह के इस बयान का जिक्र करते हुए कि यदि भाजपा ने शिवसेना पर आक्रामक रुख अपनाया होता हो, तो उसका अस्तित्व मिट गया होता, शिवसेना ने कहा कि उसको जो खत्म करने का प्रयास करता है, वह उसे ही खत्म कर देती है। उसने कहा कि यदि शिवसेना ने भाजपा पर आक्रामक रुख अपनाया होता तो भाजपा आज की सफलता नहीं देख पाती। धन्य है कि भाजपा मुख्यमंत्री पद साझा करने का अपना वादा रख नहीं पाई तो भी वह अब अच्छे दिन देख रही है।