जब दिल्ली हिंसा में जल रही थी तो अमित शाह कहां थे, विपक्ष संसद में मुद्दा उठाता है तो क्या उसे राष्ट्र विरोधी कहा जाएगा: शिवसेना

By भाषा | Published: February 28, 2020 01:07 PM2020-02-28T13:07:15+5:302020-02-28T13:07:15+5:30

मराठी के दैनिक अखबार में एक संपादकीय में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार, भाजपा उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते घर-घर जाकर पर्चे बांटने में भरपूर वक्त दिया।

Shiv Sena attacks Amit Shah over Delhi violence, says home minister was nowhere to be seen | जब दिल्ली हिंसा में जल रही थी तो अमित शाह कहां थे, विपक्ष संसद में मुद्दा उठाता है तो क्या उसे राष्ट्र विरोधी कहा जाएगा: शिवसेना

शिवसेना ने दिल्ली में बिगड़ रहे हालात को काबू में करने के लिए की गई कार्रवाई में देरी पर भी सवाल खड़े किए।

Highlightsअब यह हैरान करने वाला है कि जब 39 लोगों की जान चली गई।सार्वजनिक व निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा तब गृह मंत्री अमित शाह कहीं नहीं दिखे।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में दिल्ली में अशांति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की शुक्रवार को आलोचना करते हुए कहा कि जब राष्ट्रीय राजधानी हिंसा में जल रही थी तब वह कहीं नहीं दिखे।

मराठी के दैनिक अखबार में एक संपादकीय में कहा गया है कि शाह ने हाल ही में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार, भाजपा उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते घर-घर जाकर पर्चे बांटने में भरपूर वक्त दिया। भाजपा के पूर्व सहयोगी दल ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है लेकिन अब यह हैरान करने वाला है कि जब 39 लोगों की जान चली गई और सार्वजनिक व निजी संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा तब शाह कहीं नहीं दिखे।

शिवसेना ने कहा, ‘‘अगर इस समय कांग्रेस या कोई अन्य पार्टी केंद्र में सत्ता में होती और भाजपा विपक्ष में होती तो पार्टी गृह मंत्री का इस्तीफा मांगती और अपनी मांग को लेकर मोर्चा निकालती।’’ संपादकीय में कहा गया, ‘‘अब ये सब नहीं होगा क्योंकि भाजपा सत्ता में है और विपक्ष कमजोर है। लेकिन फिर भी कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शाह का इस्तीफा मांगा है।’’

शिवसेना ने दिल्ली में बिगड़ रहे हालात को काबू में करने के लिए की गई कार्रवाई में देरी पर भी सवाल खड़े किए। उसने कहा, ‘‘जब गृह मंत्री 24 फरवरी को अहमदाबाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का स्वागत कर रहे थे तो दिल्ली में आईबी के एक अधिकारी की हत्या कर गई।’’

अखबार ने कहा, ‘‘तीन दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति की अपील की और एनएसए अजीत डोभाल लोगों से बात करने के लिए दिल्ली की सड़कों पर आए। नुकसान होने के बाद इन सभी कदमों की अब क्या जरूरत है?’’ संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अगर विपक्ष संसद में दिल्ली दंगों का मुद्दा उठाता है तो क्या उसे राष्ट्र विरोधी कहा जाएगा?’’ 

Web Title: Shiv Sena attacks Amit Shah over Delhi violence, says home minister was nowhere to be seen

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