बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद ने शिवराज सरकार को सुनाई खरी-खरी, कही ये बात
By कोमल बड़ोदेकर | Published: April 5, 2018 09:28 AM2018-04-05T09:28:07+5:302018-04-05T09:28:07+5:30
कंप्यूटर बाबा सहित अन्य पांच संतो को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद ने आपत्ति जताई है।
भोपाल, 5 अप्रैल। मध्य प्रदेश सरकार बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा देने के सिलसिले में इन दिनों सुर्खियों में है। कंप्यूटर बाबा सहित अन्य पांच संतो को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार अपने स्वार्थ और सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे लोगों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है जो लोगों की आध्यात्मिक रूप से सेवा कर सकते हैं लेकिन अपने नीजि हितों और स्वार्थों के चलते शिवराज सरकार ने बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है।
Govt gives such a status to people who are respected & who can help people spiritually but govt, for its own selfish motives, is giving it to people who are not even known, this shouldn't be happening: Shankaracharya Swami Swaroopanand on MP govt giving MoS status to babas pic.twitter.com/SL1O3TfLAR
— ANI (@ANI) April 5, 2018
बता दें कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने पांच हिन्दू संतों को बीते मंगलवार (तीन अप्रैल) को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। राज्य मंत्रा का दर्जा देने से पहले भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कम्प्यूटर बाबा, भय्युजी महाराज, नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी और पंडित योगेंद्र महंत को वृक्षारोपण, जल संरक्षण और नर्मदा की सफाई से जुडी़ समिति का सदस्य नियुक्त किया। मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना के अनुसार इस समिति के सदस्य के रूप में सभी धर्मगुरुओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया। कांग्रेस ने शिवराज सरकार के इस फैसले को चुनावी पैंतरेबाजी करार दिया है।
जिन धर्म गुरुओं को ये दर्जा दिया गया है उनमें कम्प्यूटर बाबा का आसली नाम नामदेव त्यागी है। वो लैपटॉप लेकर चलते हैं और सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार कम्प्यूटर बाबा साल 2013 में तब विवादों से घर गये थे जब उन्होंने कुम्भ मेले के दौरान प्रशासन से हेलीकॉप्टर से आकर स्नान करने की माँग की थी। कम्प्यूटर बाबा ने राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि वो "साधु समाज" को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दी गयी सुविधाओं के लिए आभार जताया। कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि वो समाज के कल्याण के लिए काम करेंगे।
भय्युजी महाराज पहले मॉडलिंग करते थे। उनका असली नाम उदय सिंह देशमुख है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार भय्युजी काफी अमीर परिवार से संबंध रखते हैं। उनका इंदौर में आलीशान आश्रम है। उनके अनुयायियों में आम लोगों के साथ ही कारोबारी और राजनेता भी शामिल हैं। हरिहरानंदजी नर्मदा देवी नर्मदे सेवा यात्रा को आयोजित करने वाले 50 लोगो के कोर ग्रुप में थे। ये यात्रा 11 दिसंबर 2016 से शुरू होकर 11 मई 2017 तक चली थी।
पंडित योगेंद्र महंत मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ एक मई से 15 मी तक 15 दिन की रथ यात्रा निकालने की बात कह चुके हैं। माना जा रहा है कि शिवराज सरकार ने उनकी नाराजगी दूर करने के लिए ये कदम उठाया है। नर्मदानंदजी मध्य प्रदेश के प्रमुख धर्मगुरुओ में एक हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नर्मदानंदजी हनुमान जयंती और रामनवमी के मौके पर विशेष यात्रा का आयोजन करते हैं।