Sensex crashes: रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट- जय मोदी जी अच्छे दिन आ गए हैं, सेंसेक्स में 2419 अंकों की गिरावट, पिछले 10 वर्षों की सबसे ज्यादा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 9, 2020 03:26 PM2020-03-09T15:26:02+5:302020-03-09T15:26:02+5:30
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''सेंसेक्स में 2419 अंकों की गिरावट। पिछले 10 वर्षों की सबसे ज्यादा गिरावट है। एक डॉलर की कीमत 74 रुपये के पार चली गयी। यह अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर है।"
नई दिल्लीः कांग्रेस ने सेंसेक्स में सोमवार को 2400 अंकों की भारी गिरावट को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि इस सरकार में आम लोगों का बैंकिंग व्यवस्था में विश्वास खत्म होता जा रहा है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''सेंसेक्स में 2419 अंकों की गिरावट। पिछले 10 वर्षों की सबसे ज्यादा गिरावट है। एक डॉलर की कीमत 74 रुपये के पार चली गयी। यह अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर है।" उन्होंने दावा किया, ''आईडीबीआई बैंक, पीएमसी बैंक, आईएल एंड एफएस और यस बैंक के डूबने से बैंकिंग व्यवस्था में लोगों का विश्वास कम हो रहा है।"
सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा कि इन सबके बावजूद मीडिया सिर्फ यही कहेगा कि ''जय मोदी जी-अच्छे दिन आ गए हैं।' गौरतलब है कि वैश्विक बाजारों में मंदी के रुख के चलते बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स सूचकांक में सोमवार को 2400 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के चलते बाजार पर दबाव देखने को मिला।
#Sensex down by 2,419 points-6.44%,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 9, 2020
(Highest fall in last 10 years)
1 US$ = ₹74.04, #Rupee
(Among the lowest ever)
People are losing faith in Banking system as IDBI Bank, PMC Bank, IL&FS & Yes Bank sink!
But Media will only say -
“Jai Modi Ji - ACCHE DIN are here”!
कोरोना वायरस के कारण कच्चे तेल के उपयोग में 2009 के बाद पहली सालाना गिरावट : आईईए
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते दुनिया के सालाना कच्चा तेल उपभोग में गिरावट आने के संकेत हैं। यह एक दशक से भी अधिक समय में पहली गिरावट है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
आईईए ने अपनी नवीनतम रपट में सामान्य स्थिति में कच्चे तेल की मांग 11 लाख बैरल प्रतिदिन तक कम हो जाने का अनुमान जताया है। हालांकि उसने अपनी रपट में सऊदी अरब और रूस के बीच कच्चे तेल में उत्पादन कटौती पर सहमति नहीं बनने पर कच्चे तेल की कीमतों को लेकर छिड़े युद्ध पर कुछ नहीं कहा है।