बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से ने की उद्धव ठाकरे से मुलाकात, शिवसेना-एनसीपी में जाने की चर्चा
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 11, 2019 07:52 AM2019-12-11T07:52:36+5:302019-12-11T07:52:36+5:30
खड़से ने कहा-कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा में कई नेताओं से मेरे करीब के संबंध हैं. ऐसे में इन दलों के नेताओं को यह लगता है कि 40 से 42 वर्ष का अनुभव वाला कार्यकर्ता उनकी पार्टी में आ जाएगा तो काफी फायदा होगा.
प्रमोद गवली
भाजपा में नाराज चलने वाले पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले. इसके बाद राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. हालांकि खुद खड़से ने इस बारे में खुलकर बोलने से परहेज किया है. पिछले कुछ दिनों से खड़से के शिवसेना में जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ रखा है. ऐसे में दोनों नेताओं की मुलाकात काफी मायने रखती है. हालांकि ठाकरे से मिलने के बाद खड़से ने मीडिया से कहा कि वे नाराज नहीं हैं.
इस तरह की खबरें गलत हैं. 'मुझे मनाने के लिए सुधीर मुनगंटीवार, विनोद तावड़े, राज पुरोहित आदि नेताओं ने कोशिश की. इसमें सच्चाई नहीं है. वे मिलने आए जरूर, लेकिन मनाने वाली बात गलत है. उनके आने मात्र से ही राजनीतिक चर्चा होना स्वाभाविक है. कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा में कई नेताओं से मेरे करीब के संबंध हैं. ऐसे में इन दलों के नेताओं को यह लगता है कि 40 से 42 वर्ष का अनुभव वाला कार्यकर्ता उनकी पार्टी में आ जाएगा तो काफी फायदा होगा. इसमें गलत क्या है? लेकिन अब तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया है.'
खड़से ने ठाकरे से करीब 25 मिनट तक बातचीत की. इसके बाद मीडिया को खड़से ने बताया कि सोमवार को उनकी राकांपा नेता शरद पवार से आधा घंटा चर्चा हुई. जलगांव जिले के कुछ विकासकार्यों के लिए उनकी सिफारिश की जरूरत थी. इसी कारण उनसे मिलना हुआ. मुख्यमंत्री से भी इस सिलसिले में मिला. इन योजनाओं की लागत 6500 करोड़ रु. आंकी गई है. यदि उन्होंने सिफारिश की तो संबंधित योजनाओं का काम आगे बढ़ सकता है.
खड़से ने कहा कि 12 दिसंबर को गोपीनाथ गढ़ पर स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया गया है. हर वर्ष हम इस गढ़ पर जाते हैं. इस बार भी हम जाने वाले हैं. 'मैं जब मंत्री था, तब पांच वर्ष पहले औरंगाबाद में गोपीनाथ मुंडे स्मारक स्थापित करने के लिए जगह उपलब्ध कराई थी, लेकिन मेरे मंत्रिमंडल से बाहर हो जाने के बाद पांच वर्ष में उस पर कोई काम नहीं हो पाया. ठाकरे से मैंने इस स्मारक को उनके कार्यकाल में पूरा करने की अपील की है.'
इस स्मारक के लिए 30 से 40 करोड़ रु. का खर्च अनुमानित है. खड़से ने यह भी बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे से आग्रह किया है कि गोपीनाथ गढ़ पर आकर वे खुद स्मारक की घोषणा करे. मुख्यमंत्री ने स्मारक के लिए राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. आने वाले दिनों में खुद ठाकरे स्मारक स्थल का दौरा करेंगे.